कतर ने भारत के ‘फ्रोजन’ समुद्री खाद्य उत्पादों पर से प्रतिबंध हटाया

फ्रोजन समुद्री खाद्य पदार्थों को ‘माइनस 20 डिग्री’ तापामान पर भंडारित किया जाता है, जबकि ठंडे समुद्री खाद्य पदार्थों के भंडारण का तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस होता है. एमपीईडीए के अधिकारियों ने कहा कि यह प्रतिबंध, फीफा विश्व कप से ठीक पहले पिछले साल नवंबर में लगाया गया था.

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प्रतीकात्मक फोटो.
कोलकाता:

समुद्री उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एमपीईडीए) ने शुक्रवार को कहा कि कतर ने भारत से ‘फ्रोजन' समुद्री खाद्य पदार्थ के आयात पर पिछले साल लगाया गया प्रतिबंध आंशिक रूप से हटा लिया है. हालांकि, ठंडे समुद्री खाद्यपदार्थो (चिल्ड सीफूड) के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहेगा, जो 2021-22 में 143 करोड़ रुपये मूल्य के पश्चिम एशियाई देश के कुल समुद्री खाद्य उत्पाद निर्यात का लगभग एक तिहाई हिस्सा है.

फ्रोजन समुद्री खाद्य पदार्थों को ‘माइनस 20 डिग्री' तापामान पर भंडारित किया जाता है, जबकि ठंडे समुद्री खाद्य पदार्थों के भंडारण का तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस होता है. एमपीईडीए के अधिकारियों ने कहा कि यह प्रतिबंध, फीफा विश्व कप से ठीक पहले पिछले साल नवंबर में लगाया गया था. उस समय भारत से वहां गई कुछ निर्यात की खेपों में हैजा संक्रमण करने वाले बैक्टेरिया- विब्रियो हैजा का कथित तौर पर पता लगा था.

कतर के अधिकारियों ने भारत को सूचित किया था कि फुटबॉल आयोजन के लिए उनके देश में पर्याप्त परीक्षण प्रयोगशालाओं की कमी के कारण प्रतिबंध अस्थायी है. एमपीईडीए के अध्यक्ष डीवी स्वामी ने कहा, ‘‘चीन द्वारा निलंबन में इसी तरह की छूट को देखते हुए, यह सप्ताह भारत में समुद्री खाद्य निर्यातकों के लिए बहुत अच्छा साबित हो रहा है. हम उम्मीद करते हैं कि स्थिति के पुनर्मूल्यांकन के बाद कतर द्वारा ठंडे समुद्री खाद्य पदार्थ पर लगे प्रतिबंधों को भी जल्द ही हटा दिया जाएगा.''
 

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