Punjab Crisis: क्रिकेटर से राजनेता बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) को सुर्खियों में रहना खूब आता है. पंजाब में कांग्रेस का यह कद्दावर नेता इस समय मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के खिलाफ बागी तेवरों के कारण चर्चाओं में है. अमरिंदर के खिलाफ सिद्धू खुलकर अपने असंतोष का इजहार कर चुके हैं. उनके कुछ बयान तो इतने तीखे हैं कि कांग्रेस हाईकमान को चिंता सताने लगी है. पंजाब में अगले साल चुनाव होने हैं, ऐसे में कांग्रेस को चिंता सता रही है कि कहीं अंदरूनी कलह के कारण राज्य में सत्ता न गंवानी पड़ जाए. हालात को सामान्य करने के लिए कांग्रेस की एक टीम ने सिद्धू और राज्य में कांग्रेस के अन्य असंतुष्ट विधायकों से बात की. वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे की अगुवाई में AICC की ओर से नियुक्त तीन सदस्यीय पैनल ने मंगलवार को सिद्धू से बात की और उनकी नाराजगी की वजह जानी.
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हालांकि इस मुलाकात के बाद बीजेपी से कांग्रेस में पहुंचे सिद्धू के तेवरों में कमी धीमे नहीं पड़े. मीटिंग के बाद उन्होंने कहा, 'मेरे रुख में कोई बदलाव नहीं आया है. मैंने सच को छुपाया नहीं. मैं यहां आलाकमान के बुलावे पर आया है. मैंने पंजाब के लोगों की आवाज को शीर्ष स्तर पर पहुंचाई. सच को छुपाया जा सकता है लेकिन हराया नहीं जा सकता.' सिद्धू ने एक ट्वीट भी किया, जिसमें हालांकि उन्होंने किसी पर सीधा हमला नहीं साधा लेकिन 'पंजाबियत' के बारे में बात की. हालांकि उन्होंने इसमें अमरिंदर या किसी अन्य पर हमला नहीं बोला लेकिन इशारों-इशारों में अपनी नाराजगी जरूर बता डाली. वीडियो के साथ किए गए इस ट्वीट में सिद्धू ने लिखा, 'लोगों की पावर लोगों को लौटाई जानी चाहिए. हर पंजाबी को पंजाब के विकास में भागीदार बनाया जाना चाहिए. जीतेगा पंजाब, जीतेगी पंजाबियत, जीतेगा हर पंजाबी.'
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गौरतलब है कि पंजाब में कांग्रेस में उभरे असंतोष के सुरों के बावजूद आलाकमान ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की किसी भी संभावना से साफ इनकार किया है. पंजाब उन तीन राज्यों में से है, जहां कांग्रेस पार्टी सत्ता पर काबिज है. राज्य में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होने हैं लेकिन सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के खिलाफ पिछले कुछ समय से असंतोष के सुर उठ रहे हैं जिसका समाधान तलाशने की पार्टी कोशिश में जुटी है.