Punjab Congress Legislature Party Meeting : पंजाब कांग्रेस इकाई में रार थमने का नाम ही नहीं ले रहा. मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) और प्रदेश इकाई के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के बीच मतभेदों के बीच पार्टी में फिर एक नई चिंगारी भड़की है. कांग्रेस ने "बड़ी संख्या में विधायकों के प्रतिनिधित्व" का हवाला देते हुए, देर रात एक ट्वीट में पंजाब विधायकों की आज एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. यह बैठक मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के लिए परेशानी का सबब बन सकती है, क्योंकि करीब 40 से ज्यादा नाराज विधायकों ने उन्हें हटाने की मांग करते हुए पार्टी आलाकमान को चिट्ठी लिखी है. कैप्टनन लंबे समय से बागी नेताओं के निशाने पर रहे हैं.
एआईसीसी महासचिव और पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत ने शुक्रवार रात ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. हरीश रावत ने ट्वीट किया है कि कांग्रेस के तमाम विधायकों ने एआईसीसी से पंजाब कांग्रेस विधायक दल की बैठक तुरंत बुलाने का अनुरोध किया था. इसी कवायद में पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में 18 सितंबर को शाम 5 बजे विधायक दल की बैठक बुलाई गई है.
पंजाब में बवाल के बाद कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने 'पंज प्यारे' टिप्पणी पर मांगी माफी
इस विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को अनिवार्य रूप से शामिल होने को कहा गया है. इसमें पर्यवेक्षक के तौर पर हरीश रावत और अजय माकन भी संभवतः उपस्थित होंगे. हरीश रावत ने इस ट्वीट के साथ कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को भी टैग किया है.
सिद्धू ने भी शुक्रवार रात को ट्वीट कर कहा था, ‘एआईसीसी के निर्देश पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक पंजाब प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यालय में 18 सितंबर 2021 को शाम 5 बजे बुलाई गई है. पिछले महीने पंजाब के 4 मंत्रियों और कई विधायकों ने मुख्यमंत्री के खिलाफ असंतोष के सुर ऊंचे किए थे.विधायकों ने कहा था कि उन्हें अब इस बात का भरोसा नहीं है कि अमरिंदर सिंह में अधूरे वादों को पूरा करने की क्षमता है.
पंजाब में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. गौरतलब है कि पंजाब कांग्रेस में नवजोत सिंह सिद्धू औऱ अमरिंदर सिंह के खेमे के बीच लामबंदी लगातार जारी है. दोनों खेमों की ओर से लगातार आ रहे बयान ये संकेत देते हैं कि विवाद अभी थमा नहीं है. सिद्धू पंजाब सरकार पर अधूरे चुनावी वादों को पूरा करने के लिए लगातार मुहिम चलाते रहे हैं.