चंडीगढ़: पंजाब में भगवंत मान सरकार द्वारा विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाए जाने के कुछ दिन बाद राज्यपाल सचिवालय ने कहा है कि इस सत्र को बजट सत्र के विस्तारित हिस्से के तौर पर पेश किया जा रहा है जो ‘गैर कानूनी' है और इस दौरान किया गया कोई भी कार्य ‘नियम विरुद्ध' होगा. इस साल यह दूसरी बार है जब विधानसभा की बैठक को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार और राज निवास के बीच गतिरोध पैदा हुई है.
राजभवन ने विधानसभा सचिव को बृहस्पतिवार को याद दिलाया कि कुछ महीने पहले भी राज्यपाल ने जून के बजट सत्र को ‘स्पष्ट रूप से अवैध' करार दिया था पंजाब के अधिकारियों ने इससे पहले कहा था कि 20 और 21 अक्टूबर को होने जा रहा सत्र मार्च में शुरू बजट सत्र का चौथा विस्तारित सत्र है.
उम्मीद की जा रही है कि 20-21 अक्टूबर के सत्र में पंजाब को सतलुज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर निर्माण पर उच्चतम न्यायालय द्वारा दिए गए हालिया निर्देश पर चर्चा की जाएगी. इस परियोजना को पूरा करने के प्रति पंजाब अनिच्छुक है और उसका दावा है कि हरियाणा को देने के लिए उसके पास एक बूंद पानी नहीं है.
राज्यपाल सचिवालय ने 20 अक्टूबर के सत्र को लेकर बृहस्पतिवार को पंजाब विधानसभा के सचिव को लिखे पत्र में कहा, ‘‘मुझे आपका ध्यान माननीय राज्यपाल द्वारा 24 जुलाई 2023 को लिखे पत्र की ओर आकर्षित कराने का निर्देश दिया गया है, जिसमें माननीय राज्यपाल की ओर से, इसी तरह 16वीं पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के चौथे विस्तारित सत्र को ‘विशेष सत्र'के तौर पर बुलाने पर आपत्ति जताई गई थी. यह आपत्ति 12 जून को 19 और 20 जून को सत्र आहूत करने के लिए जताई गई थी.''
पत्र में कहा गया है, ‘‘कानूनी सलाह और उक्त पत्र में दिए गए कारणों के मद्देनजर माननीय राज्यपाल ने रेखांकित किया था कि इस तरह से सत्र बुलाना पूरी तरह से गैर कानूनी है, स्वीकार्य प्रक्रिया और विधायिका की परिपाटी के विपरीत है और संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है.''
पत्र में कहा गया है कि मौजूदा मामले में भी ‘‘ 16वीं पंजाब विधानसभा के चौथे बजट सत्र का विशेष सत्र बुलाया गया है''जो संकेत करता है कि यह चौथे सत्र की निरंतरता है जबकि सत्र को 20 जून को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था. यह बजट सत्र का विस्तार करने की कोशिश है जिसे माननीय राज्यपाल ने तीन मार्च 2023 को बुलाया था और जिसका 22 मार्च को सत्र के लिए तय एजेंडे पर कार्यवाही होने के बाद सत्रावसान हो गया था.''
इसमें कहा गया है, ‘‘24 जुलाई के पत्र में उल्लेखित कारणों की वजह से विस्तारित बजट सत्र गैर कानूनी होगा और ऐसे सत्र में हुई कोई भी कार्रवाई नियम विरुद्ध होगी और उसकी कोई कानूनी मान्यता नहीं होगी.' पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने बृहस्पतिवार को अमृतसर में कहा था कि आप सरकार द्वारा 20-21 अक्टूबर को बुलाए गए विधानसभा सत्र के लिए उनसे मंजूरी नहीं ली गई है. अधिकारियों का तर्क है कि 20-21 अक्टूबर का सत्र बजट सत्र का विस्तारित हिस्सा है और इसलिए राज्यपाल की मंजूरी की जरूरत नहीं है.
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