क्या पंजाब में बढ़ रही है आप की मौजूदगी?  जानें एनडीटीवी की ग्राउंड रिपोर्ट में

क्या जमीनी स्तर पर 'आप' की मौजूदगी बढ़ रही है? एनडीटीवी ने राज्य में अकालियों, भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ असंतोष की हवा देखी है.

विज्ञापन
Read Time: 26 mins
पंजाब विधानसभा चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी की तैयारियां जोरों पर. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी घमासान अभी से ही देखने को मिल रही है. इस क्रम में आम आदमी पार्टी पंजाब में अपने विस्तार को लेकर सारे हथकंडे अपनाती दिख रही है. 'आप' दिल्ली से बाहर अपने क्षेत्र का विस्तार करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है. अमृतसर में अपने 'मिशन पंजाब' अभियान की शुरुआत करते हुए, अरविंद केजरीवाल ने कहा: "बस हमें एक बार वोट दें, हमें मौका दें, फिर आपको किसी और को वोट देने की आवश्यकता महसूस नहीं होगी." पिछले विधानसभा चुनाव में 'आप' ने पंजाब की 117 में से 20 सीटें जीती थीं. वहीं लोकसभा चुनाव की बात करें तो 2014 में 'आप' ने पंजाब में 4 सीटें जीती थीं. वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में 'आप' को सिर्फ 1 सीट पर ही जीत मिली थी.

लेकिन क्या जमीनी स्तर पर 'आप' की मौजूदगी बढ़ रही है? एनडीटीवी ने राज्य में अकालियों, भाजपा और कांग्रेस के खिलाफ असंतोष की हवा देखी है. पंजाब में 'आप' को कांग्रेस पार्टी के भीतर का अंदरूनी कलह फायदा दिला रहा है. वहीं, पंजाब में 'आप' के लिए नुकसान की बात करों तो विधायकों का दल बदलना पार्टी को पीछे ले जा सकता है.

कांग्रेस के गढ़ मध्य अमृतसर में सत्ताधारी पार्टी हावी है. यहां से पंजाब के उपमुख्यमंत्री ओम प्रकाश सोनी विधायक हैं.

सुखदेव सिंह ने पिछले 40 वर्षों से एक वार्ड कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस पार्टी की सेवा की है. उनका कहना है कि वे कांग्रेस से दूर जा सकते हैं. उन्होंने एनडीटीवी से कहा, "मैंने पिछले 40-45 वर्षों से पार्टी की सेवा की है और इसके बदले में कांग्रेस ने मुझे एक वार्ड दिया है... सरकारों को आते और जाते देखा है. वे कुछ नहीं करते हैं. मुझे लगता है कि 'आप' को अब एक मौका दिया जाना चाहिए, अगर वे आते हैं तो, कम से कम गरीबों को वह मिलेगा जिसके वे हकदार हैं."

Advertisement

2017 में कांग्रेस को वोट देने वाली ज्योति खन्ना का कहना है कि पार्टी नशा मुक्त राज्य के अपने चुनावी वादे पर खरी नहीं उतरी. चुनावी वादा पूरा नहीं किया गया. ज्योति कहती हैं. "कैप्टन साहब ने कहा कि वह पंजाब को नशा मुक्त बनाएंगे, लेकिन ड्रग की समस्या अभी भी है. मैंने देखा कि युवा लड़के आस-पास लेटे हुए हैं, खुद को इंजेक्शन लगा रहे हैं...पंजाब को 'आप' को एक मौका देना चाहिए."

Advertisement

पंजाब में जन्मे और पले-बढ़े मनप्रीत सिंह धार्मिक कलाकार हैं. कोरोनावा महामारी ने उन्हें जीवन यापन के लिए ई-रिक्शा चलाने के लिए मजबूर किया.  उनका कहना है कि युवा बदलाव चाहते हैं. उन्होंने कहा, ''जब से मुझे होश आया है, यहां हमेशा अकाली बनाम कांग्रेस रहा है. युवा बदलाव चाहते हैं."

Advertisement

हालांकि, मध्य पंजाब के मोगा में, महिला मतदाता केजरीवाल के सत्ता में आने पर ₹ 1,000 प्रति माह के वादे से प्रभावित नहीं दिखती हैं. मोगा निवासी लवली सिंगला ने कहा, "चन्नी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है. उन्होंने बिजली के बिल माफ कर दिए हैं, लोग उनके काम से संतुष्ट हैं. केजरीवाल ने कहा कि वह हर महिला के खाते में ₹1,000 जमा करेंगे लेकिन यह पर्याप्त नहीं है."

Advertisement

प्रधानमंत्री द्वारा तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के तुरंत बाद केजरीवाल ने राज्य का अपना पहला दौरा किया. NDTV से बात करने वाले कुछ किसानों ने कहा कि नई पार्टी को मौका देना चाहिए.

युवा किसान मनप्रीत सिंह ने एनडीटीवी से कहा, "अगर आप भगवंत मान को अपना मुख्यमंत्री बनाती है तो उनके जीतने की बहुत बड़ी संभावना है. सरकारें 100 प्रतिशत वादे करेंगी लेकिन केवल 5 प्रतिशत ही पूरा करेंगी. पिछली सरकारों ने मुआवजा नहीं दिया है."

'आप' ने बॉलीवुड और खेल जगत की हस्तियों को भी अपने साथ जोड़ा है. सोनू सूद जो राज्य के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान मोगा के रहने वाले हैं. पहलवान खली को पार्टी में शामिल करना भी पार्टी की लोकप्रियता बढ़ाने का कारक साबित हो सकता है.

कांग्रेस में आंतरिक कलह के बीच इस्तीफा देने वाले पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने NDTV को बताया कि राज्य में कांग्रेस के भीतर अशांति, अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के लिए एक वरदान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पतन के कारण राज्य में 'आप' बढ़ रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई और सितंबर के बीच कांग्रेस द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चलता है कि इसमें "20 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है".

अमरिंदर सिंह ने एनडीटीवी को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा, "यह चुनाव कांग्रेस, आप, अकाली दल, अकाली दल के गुटों के साथ बहुत अलग होगा और एक और मोर्चा भी उभर सकता है ... इसलिए, यह एक बहुत ही अलग चुनाव होगा." 

अब आने वाला समय ही बताएगा कि अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी को कितना समर्थन मिलता है.

Featured Video Of The Day
Kanpur की Sisamau सीट पर सपा की जीत, क्या बोली Naseem Solanki
Topics mentioned in this article