पुणे पोर्शे मामला : बदला गया ब्लड सैंपल किसका? अब नाबालिग की मां को तलाश रही पुलिस

ब्लड सैंपल बदलने वाले ससून अस्पताल के डॉक्टर और चपरासी को 5 जून तक पुलिस हिरासत में भेजा गया

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पुणे में हुई दुर्घटना में मध्यप्रदेश की आईटी इंजीनियर अश्विनी कोष्टा और अनीश अवधिया की मौत हो गई थी.
पुणे:

Pune Porsche case: पुणे के पोर्शे कार एक्सीडेंट केस में गिरफ्तार ससून अस्पताल के फॉरेंसिक डिपार्टमेंट हेड डॉ अजय तावरे, चीफ मेडिकल ऑफिसर श्रीहरि हरनोर और अतुल घटकांबले की पुलिस कस्टडी पांच जून तक बढ़ा दी गई है. मामले की जांच कर रही कमेटी को पता लगा है कि नाबालिग आरोपी का ब्लड सैंपल किसी महिला के ब्लड सैंपल से बदला गया था. क्राइम ब्रांच को आशंका है कि नाबालिग की मां शिवानी अग्रवाल के ब्लड सैंपल से ही उसका ब्लड सैंपल बदला गया होगा. 

ससून अस्पताल के दो डॉक्टरों अजय तावरे और श्रीहरि हलनोर ने नाबालिग के ब्लड सैंपल बदले थे.

नाबालिग की मां 'आउट ऑफ रीच' 
इस केस में नाबालिग आरोपी, उसके पिता और दादा के बाद अब उसकी मां शिवानी अग्रवाल क्राइम ब्रांच के रडार पर है. आरोप है कि नाबालिग का ब्लड सैंपल उसकी मां के ब्लड सैंपल से बदल दिया गया था. पहले भी पुणे क्राइम ब्रांच ने नाबालिग की मां से तब पूछताछ की थी जब ड्राइवर ने एफआईआर दर्ज करते समय कहा था कि शिवानी अग्रवाल ने उसे इमोशनल ब्लैकमेल करके अपने बेटे का सारा इल्जाम अपने सिर लेने को कहा था. 

हालांकि कुछ दिनों से शिवानी अग्रवाल 'आउट ऑफ रीच' है. क्राइम ब्रांच ने पहले उनका बयान दर्ज किया था. उसके बाद से शिवानी अग्रवाल से पुलिस का संपर्क नहीं है. घटना की रात में पोर्शे कार में नाबालिग आरोपी के साथ दो अन्य लोग मौजूद थे. वे दोनों भी नाबालिग बताई जा रहे हैं. उन दोनों के भी बयान दर्ज किए जा चुके हैं.

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पुणे कोर्ट में रिमांड के लिए क्राइम ब्रांच की दलीलें
ससून अस्पताल से गिरफ्तार आरोपियों तावरे, हरनोर, घटकांबले को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया. पुलिस कस्टडी को लेकर पुणे क्राईम ब्रांच का कहना था कि 19 तारीख को हुई घटना में ससून हॉस्पिटल के दो डॉक्टर और एक सफाई कर्मचारी ने आरोपी का ब्लड सैंपल जिस सिरिंज में लिया था, उस सिरिंज को फेंक दिया गया और किसी दूसरे व्यक्ति का सैंपल लिया गया. ऐसा लग रहा है कि वह सैंपल किसी महिला का था, जो नाबालिग की मां बताई जा रही है. 

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क्राइम ब्रांच ने कहा कि, रिकॉर्ड्स में पता लगा है कि नाबालिग के पिता और तावड़े के बीच सोशल मीडिया एकाउंट्स, और व्हाट्सऐप कॉल पर कई बार बात हुई है. पुलिस ने अब तक 3 लाख रुपये रिकवर किए हैं. हालांकि इस मामले में तावड़े ने भी पैसे लिए हैं या नहीं, इस बात की जांच पुणे क्राइम ब्रांच कर रही है. वहीं पुलिस के पास रिकवर किए गए सासून हॉस्पिटल के सीसीटीवी में अतुल घटकांबले और हरनौर पैसे लेते हुए नजर आ रहे हैं. पैसों के लेनदेन को लेकर नाबालिग के पिता और डॉक्टर अजय तावड़े के बीच व्हाट्सऐप और सीडीआर के जरिए बातचीत होती थी. साथ ही अब इस मामले की जांच की जा रही है कि नाबालिग आरोपी के सैंपल को कहां और कब फेंका गया. 

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कोर्ट में तावड़े के वकील की दलीलें
श्रीहरि हरनूर और अजय तावरे के वकील विपुल दुष्यंत ने कहा कि व्हाट्सऐप और कॉल डिटेल्स गिरफ्तारी के दिन और कोर्ट में पेश करने के एक दिन पहले ही जब्त कर लिए गए थे. इसके चलते अब आगे पुलिस कस्टडी का कोई मतलब नहीं बनता. बचाव पक्ष के वकील ने यह भी कहा कि घटना वाले दिन डॉक्टर अजय तावरे छुट्टी पर थे और उनका इस मामले से कोई लेनादेना नहीं है. 

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पुलिस सूत्रों की मानें तो दुर्घटना के बाद डॉ अजय तावरे और बिल्डर अग्रवाल के बीच लगभग 20 फेस टाइम कॉल और एक साधारण कॉल हुए. हादसे के दो घंटे बाद दोनों के बीच कई बार बातचीत हुई. सूत्रों की मानें तो दुर्घटना के बाद विधायक सुनील टिंग्रे और बिल्डर अग्रवाल के बीच लगभग 40 बार फोन पर बात हुई है. 

राजनीतिक बयानबाजी जारी
विधायक सुनील टिंगरे पर सबूतों के साथ छेड़खानी का आरोप लगाने के बाद IAC अंजलि दमानिया ने अजीत पवार पर आरोपी को बचाने में मदद करने का गंभीर आरोप लगाया. इस पर अजीत पवार ने अपना स्पष्टीकरण दिया. पवार ने बताया कि उनका इस मामले में कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस मामले में आरोपियों को सख्त सजा देने की बात कही है. 

अब उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा है कि किसी को बख्शा नहीं जाएगा. कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने पुणे केस में सीबीआई जांच की मांग की है. वडगांव शेरी से एनसीपी के विधायक सुनील टिंगरे इस समय आउट ऑफ रीच चल रहे हैं. 

दोनों डॉक्टर अजय तावड़े, श्रीहरि हरनोल और सफाई कर्मचारी अतुल घटकांबले को सस्पेंड करने के बाद ससून अस्पताल के डीन विनायक काले ने बताया कि विधायक सुनील टिंगरे और मंत्री हसन मुश्रिफ ने डॉ अजय तावडे के प्रमोशन को लेकर उन्हें पत्र लिखा था. इसके बाद डीन को भी कंपल्सरी लीव पर भेज दिया गया है.

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