"अगर किसी को कुछ बोला..": आरोपी पोते को बचाने के लिए दादा ने ड्राइवर पर बनाया था दबाव - पुलिस

इस दुर्घटना में मारे गए दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के माता-पिता ने मांग की कि उच्चतम न्यायालय को मामले की जांच और सुनवाई की निगरानी करनी चाहिए. दोनों परिवारों ने यह भी मांग की है कि मामले की सुनवाई मध्यप्रदेश में होनी चाहिए न कि महाराष्ट्र में क्योंकि मरने वाले मध्यप्रदेश से थे.

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पुलिस ने दावा किया कि आरोपी किशोर नशे की हालत में कार चला रहा था.
नई दिल्ली:

पोर्शे कार दुर्घटना मामले में संलिप्त 17 वर्षीय नाबालिग के दादा को आज पुणे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. कल्याणी नगर में रविवार तड़के पोर्शे कार के नाबालिग चालक ने मोटरसाइकिल से जा रहे दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को कुचल दिया था, जिससे दोनों की मौत हो गयी थी. नाबालिग आरोपी रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल (50) का बेटा है. आरोपी किशोर के दादा को परिवार के एक ड्राइवर को बंधक बनाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. ड्राइवर के अनुसार उसे बंधक बनाकर हादसे की जिम्मेदार लेने को कहा गया और सच किसी को न बताने की धमकी दी गई.

पुलिस को दिए अपने बयान में 42 वर्षीय ड्राइवर ने कहा है कि घटना के तुरंत बाद, उसे किशोर के दादा का फोन आया. वो फोन पर मुझ पर चिल्लाए.  वह मुझे जबरन अपनी बीएमडब्ल्यू कार में अपने बंगले में ले गए. मेरा मोबाइल फोन छीन लिया. ड्राइवर ने कहा, "मुझे हादसे की जिम्मेदारी लेने को कहा गया. मुझसे कहा, 'अगर तुम इस बारे में किसी से बात करो तो याद रखना..."

किशोर के दादा को पुलिस ने अपहरण और आपराधिक धमकी के आरोप में गिरफ्तार किया है. पुणे के पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने मीडिया को बताया कि ड्राइवर को दुर्घटना की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा गया. ड्राइवर से कहा गया कि वो  पुलिस को बताए कि दुर्घटना के समय वह गाड़ी चला रहा था. ऐसेै करने पर उसे नकद इनाम देने का वादा किया गया था. उस पर दबाव बनाया गया. दुर्घटना के बाद, ड्राइवर से पुलिस स्टेशन में पूछताछ की गई. जब पूछताछ खत्म हो गई, तो वह घर जाना चाहता था, लेकिन वह (किशोर के दादा) उसे जबरन अपने घर ले गए, उसका फोन छीन लिया और उसे कैद कर लिया.''

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न्यायिक हिरासत में आरोपी का पिता

पुणे के बिल्डर विशाल एस. अग्रवाल को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज गया है. अग्रवाल को नाबालिग बेटे द्वारा पोर्शे कार चलाते हुए दुर्घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. अग्रवाल की दो दिन की पुलिस रिमांड शुक्रवार को समाप्त होने के बाद उन्हें मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया. वहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. 

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रील क्रिएटर पर दर्ज हुआ मामला

पुणे पुलिस की साइबर सेल ने एक रील क्रिएटर और एक अन्य के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की है, जिसने नाबालिग आरोपी का सोशल मीडिया पर वायरल हुआ कथित वीडियो बनाया था. वीडियो में वह मामले से अपनी आसानी से रिहाई के बारे में बात करता नजर आ रहा था. 

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मध्यप्रदेश के रहने वाले 24 वर्षीय आईटी पेशेवर अनीश अवधिया और अश्विनी कोष्टा की मोटरसाइकिल को 19 मई को पुणे शहर में 17 वर्षीय लड़के द्वारा कथित तौर पर चलाई जा रही तेज रफ्तार पोर्शे कार ने टक्कर मार दी. घटना में उनकी मौत हो गई थी. अश्विनी जबलपुर की रहने वाली थी, जबकि अनीश उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली का रहने वाला था.

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दुर्घटना के बाद, किशोर को किशोर न्याय बोर्ड (जेजेबी) के समक्ष पेश किया गया, जिसने उसे 300 शब्दों का निबंध लिखने के लिए कहते हुए उसे जमानत दे दी. त्वरित जमानत और पुलिस की समीक्षा याचिका पर हंगामे के बाद, जेजेबी ने बुधवार को रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल के बेटे किशोर को पांच जून तक अवलोकन गृह में भेज दिया था.

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