Pune News: महाराष्ट्र के पुणे (Pune) से एक ऐसी खबर आई है जिसे सुनकर इनकम टैक्स विभाग (Income Tax Department) भी अलर्ट हो गया है. पुणे पुलिस की टीम कोंढवा (Kondhwa) इलाके में एक घर पर इसलिए छापा मारने गई थी, क्योंकि वहां अवैध रूप से देशी शराब (Illegal Liquor) बेची जा रही थी. लेकिन कार्रवाई के दौरान पुलिस को जो मिला, उसकी उम्मीद खुद पुलिसकर्मियों ने भी नहीं की थी. घर के अंदर एक बंद अलमारी में नोटों की ऐसी गड्डियां मिलीं कि पुलिस को नोट गिनने वाली मशीन बुलानी पड़ गई.
क्या है पूरा मामला?
कोंढवा पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि 'काकड़े वस्ती' इलाके में एक घर से अवैध तरीके से देशी और विदेशी शराब का धंधा चलाया जा रहा है. क्राइम ब्रांच की टीम ने जब गुरुवार को इस ठिकाने पर दबिश दी, तो वहां से व्हिस्की, रम और डिब्बों में भरी 70 लीटर शराब बरामद हुई. शुरुआती तलाशी में पुलिस ने करीब 2 लाख रुपये की शराब और 1.41 लाख रुपये नकद बरामद किए, जिससे कुल जब्ती 3,46,950 रुपये हो गई. लेकिन, असली खेल तो अभी बाकी था.
बेडरूम की अलमारी में छिपाए थे 1 करोड़
पुलिस को शक हुआ कि यह धंधा जितना दिख रहा है, उससे कहीं बड़ा है. जब पुलिस ने आरोपियों के बेडरूम की गहन तलाशी ली, तो वहां रखी एक पुरानी अलमारी पर नजर पड़ी. अलमारी के अलग-अलग खानों (Compartments) की तलाशी ली गई तो पुलिस की आंखें फटी की फटी रह गईं. अलमारी के अंदर नोटों के बंडल ठूंस-ठूंस कर भरे हुए थे. गिनती शुरू हुई तो आंकड़ा 1,00,85,950 रुपये (एक करोड़ से अधिक) तक पहुंच गया. शराब के छोटे से कारोबार के पीछे इतना बड़ा कैश मिलना पुलिस के लिए भी चौंकाने वाला था.
इन लोगों पर गिरी गाज
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को नामजद किया है. आरोपियों की पहचान अमर कौर (उर्फ मादरीकौर), दिलदार सिंह और देवश्री जुन्नी सिंह के रूप में हुई है. पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि आखिर अवैध शराब बेचकर इतनी बड़ी रकम जमा की गई थी या इसके पीछे कोई और काला धंधा चल रहा है.
क्या यह किसी बड़े सिंडिकेट का हिस्सा है?पुणे पुलिस अब आरोपियों के फाइनेंशियल नेटवर्क की जांच कर रही है. पुलिस को संदेह है कि इस अवैध शराब के धंधे के तार किसी बड़े नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है.
खास बात है कि हाल ही में पुणे पुलिस ने 3.45 करोड़ रुपये का ड्रग्स रैकेट भी पकड़ा था. ऐसे में शहर में अवैध गतिविधियों के खिलाफ पुलिस का 'ऑपरेशन क्लीन' काफी चर्चा में है.
मामले की अगुवाई कर रहे पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) सोमय मुंडे के अनुसार, 'नशीली दवाओं की बिक्री के एक मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के बाद इस रैकेट का खुलासा हुआ, जिसके बाद पुलिस ने पुणे, पिंपरी-चिंचवाड़, मुंबई और गोवा में समन्वित अभियान चलाए. छापेमारी के दौरान मेफेड्रोन, हाइड्रोपोनिक कैनबिस (ओजिकुश), चरस और एलएसडी सहित विभिन्न मादक पदार्थ जब्त किए गए.'
पुलिस ने बताया कि इस मामले में तुषार चेतन वर्मा (21), सुमित संतोष देदवाल (25), अक्षय सुखलाल माहेर (25), मलय राजेश देलिवाला (28) और स्वराज अनंत भोसले (28) सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खातों से 7.80 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं. सभी आरोपियों को पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है.
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