ट्रेनी IAS पूजा खेडकर के फायदे के लिए मां-बाप ने लिया था फर्जी तलाक, सबूतों ने खोल दी पोल

दिलीप और मनोरमा खेडकर ने 2009 में पुणे के पारिवारिक न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दी. 25 जून 2010 को दोनों का तलाक़ हो गया , इस मामले में यह भी सामने आया है कि तलाक़ होने के बावजूद भी मनोरमा और दिलीप एक साथ ही रह रहे थे.

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विवादों में पूजा खेडकर
मुंबई:

फेक सर्टिफिकेट को लेकर सुर्खियों में आई पूजा खेडकर पहले ही मुसीबतों में घिरी है. अब उनके परिवार की भी मुसीबतें कम नहीं हो रही है. केंद्र सरकार ने पुणे पुलिस को आईएएस प्रोबेशनरी पूजा खेडकर के माता-पिता दिलीप और मनोरमा खेडकर की वैवाहिक स्थिति की जांच करने का निर्देश दिए हैं. पूजा खेडकर ने दिल्ली में विभिन्न अकादमियों में अपने मॉक इंटरव्यू के दौरान दावा किया कि उनके परिवार की आय शून्य है, क्योंकि उनके माता-पिता तलाकशुदा थे और वह अपनी मम्मी के साथ रहती थी.

तलाक के बाद साथ रह रहे थे पूजा के मां-बाप

दिलीप और मनोरमा खेडकर ने 2009 में पुणे के पारिवारिक न्यायालय में आपसी सहमति से तलाक के लिए अर्जी दी. 25 जून 2010 को दोनों का तलाक़ हो गया , इस मामले में यह भी सामने आया है कि तलाक़ होने के बावजूद भी मनोरमा और दिलीप एक साथ ही रह रहे थे. वही हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव के दौरान दिलीप खेडकर द्वारा प्रस्तुत हलफनामा में उन्होंने  मनोरमा खेडकर को अपनी पत्नी बताया था.

आखिर कहां लापता है पूजा खेडकर

2023 कैडर की ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) से जारी नोटिस के अंतिम दिन (मंगलवार को) मसूरी स्थित संस्थान के पास उनके ठिकाने के बारे में कोई जानकारी नहीं है. एलबीएसएनएए ने 16 जुलाई को महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया था कि वह विवादास्पद ट्रेनी आईएएस को वाशिम कलेक्टरेट में 'सुपर न्यूमरेरी असिस्टेंट कलेक्टर' के रूप में उनके क्षेत्रीय कार्यभार से तत्काल मुक्त करें और पूजा खेडकर को आगे की जरूरी कार्रवाई के लिए 23 जुलाई तक अकादमी में वापस रिपोर्ट करने का निर्देश दिया था.

एलबीएसएनएए के आधिकारिक सूत्रों ने आईएएनएस को बताया कि 23 जुलाई की सुबह तक उन्हें पूजा खेडकर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. उन्होंने यह बताने से इनकार कर दिया कि क्या वह बाद में वहां वापस आएंगी या नहीं. पूजा खेडकर (32) बीते शुक्रवार को वाशिम से पुणे पुलिस के पास अपना बयान दर्ज कराने के लिए निकली थीं, ताकि वह पुणे के कलेक्टर सुहास दिवसे के खिलाफ लगाए गए उत्पीड़न के आरोपों पर अपना बयान दर्ज करा सकें. कलेक्टर ने जुलाई के दूसरे सप्ताह में उनका पुणे कलेक्टरेट से वाशिम तबादला करने का आदेश दिया था.

क्यों विवादों में आई पूजा खेडकर

पूजा खेडकर तब अचानक सुर्खियों में आईं जब पुणे के कलेक्टर डॉ. सुहास दिवसे ने महाराष्ट्र की मुख्य सचिव सुजाता सौनिक को पत्र लिखकर उनकी कई मांगों के बारे में जानकारी दी. खेडकर ने कथित तौर पर एक कार्यालय, स्टाफ और एक सरकारी वाहन जैसे भत्ते मांगे थे. यह भी पाया गया कि उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार में महाराष्ट्र सरकार का टैग और लाल-नीली बत्ती का इस्तेमाल किया था. इसके बाद पूजा खेडकर को पुणे से वाशिम स्थानांतरित कर दिया गया था

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