विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा है कि कोविड-19 वैक्सीन Covaxin को लगवाकर वे गर्व महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में जब देश में विकसित, भारत बायोटेक (Bharat Biotech) का यह वैक्सीन आया था तो इसकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठाए गए थे. विदेश मंत्री ने बुधवार को 'भारत की वैक्सीन मैत्री पहल (India's Vaccine Maitri Initiative)' को लेकर बयान के बाद राज्यसभा सदस्यों से चर्चा के दौरान यह बात कही. उन्होंने बताया कि सांसदों में भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से किए गए कार्य की जमकर सराहना है.
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भारत बायोटेक ने ICMR के सहयोग से कोरोना वैक्सीन Covaxin का निर्माण किया है दूसरी ओर सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की ओर से निर्मित वैक्सीन कोविशील्ड को AstraZeneca और ऑक्सफोर्ड यूनिविर्सिटी ने विकसित किया है. विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, 'मैं भारत बायोटेक और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की सराहना करता हूं. मुझे याद है कि जब Covaxin बाजार में आया था तो इसे लेकर सवाल उठाए गए थे. बहुत से लोग अब इसे याद करना नहीं चाहता. मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैंने कोवैक्सीन का टीका लगवाया है.' गौरतलब है कि देश में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की कोविशील्ड (Covishield) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई है. इस साल जनवरी में कोवैक्सीन के आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी, उस वक्त वैक्सीन थर्ड फेज ट्रायल में ही थी. रिसर्च पेपर में कोवौक्सीन के पहले दो फेज के ट्रायल के नतीजों का विश्लेषण छपा था, जिसमें उसे सुरक्षित बताया गया था.
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इसी माह की शुरुआत में भारत बॉयोटेक ने अपनी वैक्सीन के तीसरे चरण के आंकड़े जारी किए हैं. कंपनी ने 81% एफिकेसी (प्रभावशीलता) का दावा किया है. कंपनी के मुताबिक, 25800 पार्टिसिपेंट्स को तीसरे फेज में शामिल किया गया था. 43 केस के अंतरिम डेटा पर ये देखा गया कि36 केस में कोवैक्सीन, 7 केस में प्लेसिबो पड़ा था.भारत बायोटेक का दावा है कि यूके के कोरोना वायरस स्ट्रेन के खिलाफ कोवैक्सीन 81% तक प्रभावी है. विदेश मंत्री एस जयशंकर से पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भारत बायोटेक का ही टीका लगवाया था. हैदराबाद स्थित प्रसिद्ध टीका निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने उस समय कहा था कि कोरोना वायरस टीके की पहली खुराक लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है और उनके इस कदम से महामारी के खिलाफ चल रहे टीकाकरण अभियान को बढ़ावा मिलेगा.