जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल कैप्टन समेत सेना के चार जवान मंगलवार को देश पर कुर्बान हो गए. मुठभेड़ में शहीद हुए कैप्टन बृजेश थापा के पिता कर्नल भुवनेश थापा (सेवानिवृत्त) ने अपने बेटे को याद करते हुए कहा कि उन्हें इस बात पर गर्व है कि उनके बेटे ने देश और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है. खुद को संभालते हुए इस फौजी पिता ने कहा कि वह अपने बेटे के ताबूत को सलामी देंगे. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कर्नल भुवनेश थापा ने कहा कि सरकार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. जब मुझे बताया गया कि वह अब नहीं रहा, तो मुझे यकीन ही नहीं हुआ. वह बचपन से ही भारतीय सेना में जाना चाहता था. सेना की ड्रेस पहनकर घूमता था. इंजीनियरिंग करने के बाद भी वह सेना में जाना चाहता था. उसने एक बार में ही परीक्षा पास कर ली और सेना में भर्ती हो गया था. मुझे गर्व है कि मेरे बेटे ने देश और देश की सुरक्षा के लिए कुछ किया है.
कैप्टन बृजेश थापा के पिता ने आगे कहा कि दुख की बात यह है कि हम उससे दोबारा नहीं मिल पाएंगे, अन्यथा मुझे खुशी है कि उसने अपने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी.
"बेटे पर गर्व..."
कैप्टन थापा की मां नीलिमा थापा ने कहा कि उन्हें अपने बेटे के शहीद होने की खबर रात को 11 बजे मिली थी. नीलिमा थापा ने नम आंखों से आगे कहा, वह बहुत ही अच्छा लड़का था. हमेशा से सेना में जाना चाहता था. हम उन्हें बताया करते थे कि सेना में जीवन कठिन है. मुझे अपने बेटे पर बहुत गर्व है, जिसने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी. सरकार कार्रवाई करेगी. दुर्भाग्य से, हमने अपना बेटा खो दिया."
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कैप्टन बृजेश थापा समेत सेना के चार जवान शहीद हो गए. राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने सोमवार देर शाम देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया, जिसके बाद मुठभेड़ शुरू हुई थी.