किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के बॉर्डरों पर सुरक्षा कड़ी
Farmers Protest :पंजाब के प्रदर्शनकारी किसानों दिल्ली कूच के लिए चल दिए हैं. उनके साथ केंद्रीय मंत्रियों की पांच घंटे से अधिक की बैठक बेनतीजा रही. किसानों की मुख्य मांग फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कोई समाधान नहीं निकला है. किसानों ने कहा कि हम अपनी मांगों को पूरा करवाकर ही जाएंगे. हम 6 महीने का राशन लेकर आए हैं.
- चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों के साथ किसानों की बैठक हुई. लगभग आधी रात तक बैठक जारी रही. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने किसान नेताओं के साथ वार्ता का नेतृत्व किया था.
- रात 11 बजे के बाद दोनों पक्षों के बीच बिजली संशोधन कानून 2020 को रद्द करने, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में मारे गए किसानों को मुआवजा देने और किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने पर सहमति बनी थी. लेकिन तीन प्रमुख मांगों पर कोई सहमति नहीं बनी जिसमें सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी, किसानों के कर्ज माफ करना और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना शामिल है.
- बैठक समाप्त होने के बाद किसान मजदूर संघर्ष समिति के सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 'दिल्ली चलो' मार्च जारी है, "दो साल पहले, सरकार ने हमारी आधी मांगों को लिखित रूप में पूरा करने का वादा किया था... हम इस मुद्दे को शांति से हल करना चाहते थे, लेकिन सरकार ईमानदार नहीं है. वे सिर्फ समय बर्बाद करना चाहते हैं."
- सरकार और किसानों के बीच देर रात तक चली बातचीत बेनतीजा रही. उसके बाद पंजाब के फेतहगढ़ साहेब से किसानों का मार्च शुरू हो गया है. किसान दिल्ली की ओर कूच कर रहे हैं. किसान पहले दिल्ली के पास बॉर्डर पर जमा होंगे और दोपहर तीन बजे आगे की रणनीति के बारे में फैसला करेंगे. सरकार का कहना है कि बातचीत जारी रहेगी, वहीं दूसरी तरफ किसान भी आगे बातचीत को लेकर तैयार हैं. अब से कुछ देर पहले किसानों की ओर से प्रेस कॉन्फ्रेस कर कहा गया है कि हम अन्न उगाते हैं. सरकार ने हमारे लिए कीलों की फसल उगा रखी है. सरकार हमारे लोगों को अलग-अलग राज्यों में पकड़ रही है. हम फिर भी सरकार से बात करने को तैयार हैं.
- MSP पर सरकार कमेटी की बात कर रही है जबकि किसानों का कहना है हम कमेटी नहीं, MSP गारंटी चाहते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को टालना चाहती है. साथ ही उन्होंने कहा कि हम सरकार से टकराव नहीं करेंगे चाहे सरकार हम पर लाठी बरसाए. सब हमारे भाई हैं.
- वहीं दूसरी तरफ आपको बता दें किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली NCR में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. दिल्ली पुलिस हाई अलर्ट पर है.
- किसानों की मांगों की बात करें तो वो चाहते हैं कि सभी फसलों के लिए MSP मिले. किसानों और मजदूरों का पूरा कर्ज माफ हो. भूमि अधिग्रहण ऐक्ट 2013 फिर से पूरे देश में लागू हो. लखीमपुर खीरी के गुनहगारों को सज़ा मिले. विश्व व्यापार संगठन छोड़ें, फ़्री ट्रेड एग्रीमेंट रद्द हो. किसानों, खेती से जुड़े मजदूरों को पेंशन मिले. दिल्ली आंदोलन के दौरान मृत किसानों के परिजनों को मुआवज़ा मिले. बिजली संशोधन बिल 2020 ख़त्म हो. MGNREGA के तहत 200 दिन रोजगार की गारंटी मिले. MGNREGA खेती से जुड़े, हर दिन 700 रुपये वेतन मिले. नकली बीज, कीटनाशक बनाने वालों पर सख्ती हो. मसालों के लिए नेशनल कमीशन गठित हो. आदिवासियों की ज़मीनों को सुरक्षित रखने का प्रावधान हो.
- किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए दिल्ली के बॉर्डर पर सुरक्षा के जबरदस्त इंतजाम किए गए हैं. दिल्ली आने वाले सभी बॉर्डर को सील कर दिया गया है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. यहां पुलिस ने कंटीले तारों के अलावा बैरिकेड, सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक, कंटेनर और दूसरे अवरोधक भी लगाए हैं.
- सिंघु बॉर्डर पर पुलिस ने कंट्रोल रूम बनाने के अलावा CCTV कैमरे भी लगाए है. ड्रोन की मदद से इलाके की निगरानी भी की जा रही है. पुलिस ने कई बार मॉक ड्रिल भी की है. दिल्ली में 12 मार्च तक धारा 144 भी लगी हुई है. इन बॉर्डर से आने को लेकर दिल्ली पुलिस ने एडवाइज़री भी जारी की है.
- दिल्ली गुरुग्राम बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस ने बैरिकेटिंग लगाई हुई है. दिल्ली में एंट्री करने वाले वाहनों की चेकिंग की जा रही है. चेकिंग के बाद ही दिल्ली में वाहनों को प्रवेश करने दिया जा रहा है. नेशनल हाइवे -48 पर लगा लंबा जाम लगा हुआ है. लगभग 11 किलोमीटर तक वाहन रेंग-रेंगकर चल रहे हैं.
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