पंजाब में अक्षय कुमार का विरोध, किसानों ने उनकी फिल्म ‘सूर्यवंशी’ का प्रदर्शन नहीं होने दिया

कुछ किसानों ने सिनेमाघरों के बाहर लगे फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए, उन्होंने कहा कि अक्षय कुमार ने किसान आंदोलन का समर्थन नहीं किया इसलिए उनकी फिल्म नहीं चलने देंगे

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पंजाब के होशियारपुर में किसान अक्षय कुमार की फिल्म सूर्यवंशी का विरोध कर रहे हैं.
नई दिल्ली:

फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार (Akshay Kumar) को पंजाब में किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब के होशियारपुर में आज कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों (Farmers) ने अक्षय कुमार की फिल्म 'सूर्यवंशी' (Sooryavanshi) का सिनेमाघरों में प्रदर्शन नहीं होने दिया. अक्षय कुमार ने किसान आंदोलन का समर्थन नहीं किया है. इसी बात से नाराज किसान उनके द्वारा अभिनीत फिल्म 'सूर्यवंशी' का विरोध कर रहे हैं. होशियारपुर में किसानों ने आज सिनेमाघरों में लगे फिल्म 'सूर्यवंशी' के पोस्टर फाड़ दिए. इतना ही नहीं, उन्होंने विरोध मार्च भी निकाला.    

केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने शनिवार को होशियारपुर के पांच सिनेमाघरों में अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म  “सूर्यवंशी” को दिखाने से रोक दिया. उन्होंने सिनेमाघरों के बाहर लगे फिल्म के पोस्टर फाड़ दिए और कहा कि वे एक्टर अक्षय कुमार का विरोध उनके विरोध प्रदर्शन का समर्थन नहीं करने के लिए कर रहे हैं. 

भारती किसान यूनियन (कादियां) के जिला अध्यक्ष स्वरण धुग्गा की अगुवाई में संगठन के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और फिल्म दिखाए जाने के खिलाफ स्थानीय शहीद उधम सिंह पार्क से स्वर्ण सिनेमा तक विरोध मार्च निकाला. उन्होंने सिनेमाघरों के अधिकारियों को फिल्म का प्रदर्शन रोकने पर मजबूर किया और किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में नहीं बोलने के लिए अभिनेता अक्षय कुमार की निंदा की. 

प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे अक्षय कुमार की फिल्मों को तब तक नहीं दिखाने देंगे जब तक कि कृषि कानून निरस्त नहीं कर दिए जाते. सरकार से तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे सैकड़ों किसान पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं.

किसान उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020; मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 का विरोध कर रहे हैं और इन्हें वापस लेने की मांग कर रहे हैं. उनका दावा है कि ये कानून उन्हें कॉरपोरेट्स की दया पर छोड़ देंगे. वे अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के लिए एक नए कानून की भी मांग कर रहे हैं.

केंद्र की किसानों के साथ 11 दौर की बातचीत होल चुकी है लेकिन कोई नतीज नहीं निकला है. सरकार का कहना है कि नए कृषि कानून किसान हितैषी हैं. किसान यह मानने के लिए तैयार नहीं है जिससे गतिरोध जारी है.

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