राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) के तिहाड़ जेल (Tihar Jail) के तीन अधिकारियों के खिलाफ कथित रूप से ठग सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) से पैसे लेने के आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं. सुकेश चंद्रशेखर 200 करोड़ रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग केस सहित कई मामलों का सामना कर रहा है.
जेल महानिदेशक संदीप गोयल ने कहा, "हमें सूचना मिली थी कि कैदी सुकेश चंद्रशेखर ने जेल नंबर 4 के एक कर्मचारी को रिश्वत देने की कोशिश की थी, जहां वह बंद था. उसने कथित तौर पर एक अधिकारी के खाते में 1.25 लाख रुपये जमा किए." उन्होंने कहा, "हम जांच करवा रहे हैं और तीनों अधिकारियों का तबादला कर दिया है. सुकेश को भी दूसरी जेल में स्थानांतरित कर दिया गया है."
इससे पहले जनवरी में, दिल्ली पुलिस ने फोर्टिस हेल्थकेयर कार्यकर्ता से लगभग 200 करोड़ रुपये की जबरन वसूली में कैदी और कॉनमैन सुकेश चंद्रशेखर की मदद करने के आरोप में जेल स्टाफ के सात सदस्यों को गिरफ्तार किया था. आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने जेल प्रशासन से इसे अनुमति देने के लिए कहा था.
भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत रोहिणी जेल के 82 अधिकारियों व कर्मचारियों की जांच दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने तिहाड़ जेल को लिखा था कि रोहिणी जेल के उन 82 कर्मचारियों के खिलाफ जांच की जरूरत है जिन्होंने सुकेश की मदद की और उसे सुविधाएं मुहैया कराने के नाम पर करोड़ों रुपये लिए.
ईडी का यह मामला दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा सुकेश चंद्रशेखर के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर आधारित है, जिस पर रेलिगेयर एंटरप्राइजेज के पूर्व प्रमोटर शिविंदर मोहन सिंह की पत्नी अदिति सिंह को धोखा देने और जबरन वसूली करने का आरोप है, शिविंदर मोहन सिंह को अक्टूबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था. उस पर रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड में धन की कथित हेराफेरी से संबंधित एक मामला दर्ज है.
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चंद्रशेखर और उसके सहयोगियों ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारी बनकर अदिति सिंह से यह कहकर पैसे लिए कि वह उसके पति का जमानत करवा देगा. चंद्रशेखर ने कथित तौर पर अदिति को रोहिणी जेल में बंद एक स्पूफ कॉल पर केंद्र सरकार के एक अधिकारी का रूप धारण करके पैसे ट्रांसफर करने के लिए राजी किया और उसके पति को जमानत पर छुड़वाने का वादा किया था.
चंद्रशेखर और उनकी अभिनेता पत्नी लीना मारिया पॉल दोनों को दिल्ली पुलिस ने धोखाधड़ी मामले में उनकी कथित भूमिका के लिए सितंबर में गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस इस मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. ईडी को शक है कि चंद्रशेखर ने जेल में रहते हुए कई लोगों से रंगदारी वसूली की थी.
घटना के वक्त चंद्रशेखर दिल्ली की रोहिणी जेल में बंद था और सलाखों के पीछे से रंगदारी का रैकेट चला रहा था. सितंबर में, ईडी ने जेल में बंद बदमाशों के दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया था, जिनके खिलाफ दिल्ली पुलिस ने हाल ही में महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के कड़े प्रावधानों को लगाया है. चंद्रशेखर कथित तौर पर जेल अधिकारियों और बाहर कुछ सहयोगियों की मिलीभगत से धोखाधड़ी और रंगदारी रैकेट चला रहा था.