कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार की रात आगरा पहुंची. पुलिस हिरासत में कथित तौर पर मारे गए सफाईकर्मी से मुलाकात कर प्रियंका गांधी ने उन्हें हर संभव न्याय का भरोसा दिलाया. उत्तर प्रदेश सरकार ने कांग्रेस महासचिव समेत 5 लोगों को आगरा जाने की अनुमति दी थी. प्रियंका गांधी के वहां पहुंचने से पहले ही पुलिस बल की भारी तैनाती की गई थी. मृतक के घर के आसपास का क्षेत्र छावनी में तब्दील कर दिया गया था.
इससे पहले आगरा जा रहीं प्रियंका गांधी को UP पुलिस ने हिरासत में लिया था. यूपी पुलिस ने उन्हें हिरासत में लेते वक्त कहा था कि कांग्रेस नेता के पास जरूरी इजाजत नहीं है. आगरा की इस घटना को लेकर प्रियंका ने एक ट्वीट करते हुए यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधा था. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था , 'किसी को पुलिस कस्टडी में पीट-पीटकर मार देना कहां का न्याय है? आगरा पुलिस कस्टडी में अरुण वाल्मीकि की मौत की घटना निंदनीय है. भगवान वाल्मीकि जयंती के दिन उप्र सरकार ने उनके संदेशों के खिलाफ काम किया है.उच्चस्तरीय जांच व पुलिस वालों पर कार्रवाई हो व पीड़ित परिवार को मुआवजा मिले.'
एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा था, 'अरुण वाल्मीकि की मृत्यु पुलिस हिरासत में हुई. उनका परिवार न्याय मांग रहा है. मैं परिवार से मिलने जाना चाहती हूं. यूपी सरकार को डर किस बात का है? क्यों मुझे रोका जा रहा है.'
इससे पहले, यूपी पुलिस ने आज सुबह कहा था कि पूछताछ के दौरान अरुण वाल्मीकि का स्वास्थ्य बिगड़ गया और उनकी मौत हो गई .SSP आगरा मुनीराज ने कहा कि जब अरुण के घर पर जब मंगलवार रात छापेमारी की गई तभी वह बीमार था. उसे अस्पताल ले जाया गया लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. अरुण पर शनिवार रात को पुलिस स्टेशन के एविडेंस लॉकर के तौर पर काम आने वाली इमारत से रुपयों की चोरी का आरोप है, वह वहां क्लीनर के तौर पर काम रहा था.
गौरतलब है कि हाल ही में प्रियंका लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए पीड़ितों के परिवार से मिलने जा रही थीं तो भी उन्हें रोककर हिरासत में ले लिया गया था. उस समय प्रियंका ने कहा था कि उन्हें बिना किसी आधार के हिरासत में रखा गया है. प्रियंका ने कहा था कि जस समय मुझे अरेस्ट किया गया मैं सीतापुर जिले में यात्रा कर रही थी जो कि लखीमपुर खीरी जिले की सीमा से करीब 20 किलोमीटर दूर है. मेरी जानकारी में सीतापुर में धारा 144 लागू नहीं थी. खैर, हिरासत में रखे जाने के बाद राहुल और प्रियंका गांधी को लखीमपुर खीरी जाकर पीड़ित परिवार से मिलने की इजाजत दे दी गई थी.
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