- ऑपरेशन सिंदूर पर दूसरे दिन चर्चा जारी है और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने सरकार पर हमला बोला
- प्रियंका गांधी ने पहलगाम हमले को लेकर सवाल उठाए और सुरक्षा बलों की अनुपस्थिति पर चिंता जताई है
- उन्होंने सरकार की आतंकवाद नियंत्रण की दावों पर सवाल खड़े करते हुए जिम्मेदारी तय करने की बात कही
प्रियंका गांधी ने लोकसभा में मंगलवार को सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि 26 परिवार उजड़ गए. 26 बेटे, पति, बेटे की मौत हो गई. मरने वालों में 25 भारतीय थे. इस बीच जब प्रियंका गांधी को सत्ता पक्ष के सदस्यों ने टोका, पीछे से आवाज आयी हिंदू थे. जिसके जवाब में उन्होंने कहा कि आज भी मैं शिव मंत्र पढ़कर आई हूं. प्रियंका गांधी ने सवाल पूछा कि जब सरकार यह दावा कर रही थी कि कश्मीर में आतंकवाद कैसे कम हुआ है? सरकार पर हमला बोलते हुए गांधी ने कहा कि आप इतिहास की बात करते रहिए हम वर्तमान की बात करेंगे. प्रियंका गांधी ने कहा कि क्यों जिम्मेदारी तय नहीं हुई? गृहमंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
लोकसभा में कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, "यह सरकार हमेशा सवालों से बचने की कोशिश करती है... इनमें देश के नागरिकों के प्रति कोई जवाबदेही का भाव नहीं है. सच तो यह है कि इनके दिल में जनता के लिए कोई जगह नहीं है. इनके लिए सब कुछ राजनीति है, प्रचार है..."
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वहां (बैसरन घाटी, पहलगाम में) एक भी सुरक्षाकर्मी क्यों मौजूद नहीं था? क्या नागरिकों की सुरक्षा प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की जिम्मेदारी नहीं है?
देश जानना चाहता है उस दिन क्या हुआ था?
प्रियंका गांधी ने कहा कि जब ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत हुई थी तो पूरा देश एकजुट था. प्रधानमंत्री जी ने श्रेय लिया लेकिन सिर्फ श्रेय लेने से ही जिम्मेदारी पूरी नहीं होती है. प्रियंका गांधी ने कहा कि देश के इतिहास में पहली बार हुआ जब जंग होते-होते रूक गई . और यह ऐलान भारतीय सेना या सरकार ने नहीं किया बल्कि अमेरिका के राष्ट्रपति ने की. प्रियंका गांधी ने कहा कि इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान का विभाजन कर के दिखाया था.
मैं उनका दर्द समझती हूं : प्रियंका गांधी
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने आज मेरी मां के आंसुओं के बारे में बात की. मैं इसका जवाब देना चाहती हूं. मेरी मां के आंसू तब बहे थे जब आतंकवादियों ने मेरे पिता को मार डाला था. आज, जब मैं उन 26 लोगों (पहलगाम हमले के पीड़ितों) के बारे में बात करती हूं, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि मैं उनका दर्द समझती हूं.
ये भी पढ़ें: - खड़े हो गए अखिलेश, बैठ जाइए बोलते रहे शाह, संसद में सबसे तीखा वार-पलटवार