एमवीए में सब कुछ ठीक, यह सत्तारूढ़ गठबंधन के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा: पृथ्वीराज चव्हाण

चव्हाण ने कहा कि एमवीए में सब कुछ ठीक है. उन्होंने कहा कि एमवीए भविष्य के चुनाव एक संयुक्त ताकत के रूप में लड़ेगा.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण (फाइल फोटो)
मुंबई:

महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में दरार की खबरों के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि तीन दलों के गठबंधन में सब कुछ ठीक है और यह भविष्य में राज्य में एकनाथ शिंदे-भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार के खिलाफ एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा. चव्हाण ने ‘पीटीआई-भाषा' को एक साक्षात्कार में कहा कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना का गठबंधन एमवीए 2024 में प्रस्तावित विधानसभा चुनावों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार को हराने के लिए प्रतिबद्ध है.

यह पूछे जाने पर कि क्या उद्धव ठाकरे एमवीए के नेता हैं, चव्हाण ने कहा कि गठबंधन का नेतृत्व कौन करेगा, इस पर अटकलें लगाने के लिए कुछ भी नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘हम सब बराबर हैं. हम बिना किसी पूर्व निर्धारित नेता के जाएंगे. महत्वपूर्ण यह है कि मौजूदा सरकार को हराना है. यह कोई सवाल नहीं है कि कांग्रेस को ऐसा क्यों महसूस होना चाहिए कि वह गठबंधन का एक कनिष्ठ साझेदार या कम महत्वपूर्ण साझेदार है. हम बराबर के भागीदार हैं. कांग्रेस का जनाधार है और यह आगामी स्थानीय निकाय चुनावों में दिखेगा.''

चव्हाण ने आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पार्टी नेता राहुल गांधी की लोकप्रियता और अडाणी मुद्दे पर उनके द्वारा उठाए गए सवालों से डरते हैं और यही वजह है कि प्रधानमंत्री उन्हें (सांसद के तौर पर) संसद में नहीं चाहते. गांधी को आपराधिक मानहानि मामले में गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के एक दिन बाद 24 मार्च को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य ठहरा दिया गया था.

चव्हाण ने कहा कि एमवीए में सब कुछ ठीक है. उन्होंने कहा कि एमवीए भविष्य के चुनाव एक संयुक्त ताकत के रूप में लड़ेगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हिंदुत्व के विचारक दिवंगत वी. डी. सावरकर के मुद्दे को नहीं उठाने पर सहमत हुई है क्योंकि एमवीए सहयोगियों के बीच उनके बारे में अलग-अलग विचार है. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा पिछले महीने एक जनसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को चेतावनी देने के कुछ दिनों बाद चव्हाण ने यह बात कही.

ठाकरे ने कहा था कि सावरकर का ‘‘अपमान'' बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा था कि वह सावरकर को अपना ‘‘आदर्श'' मानते हैं और इसलिए गांधी को उनका अपमान करने से बचना चाहिए. गांधी सावरकर पर जेल से बाहर निकलने के लिए अंग्रेजों से ‘‘माफी मांगने'' का आरोप लगाते रहे हैं. इस मुद्दे पर एक सवाल के जवाब में चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस सावरकर के मुद्दे को नहीं उठाने पर सहमत हो गई है क्योंकि एमवीए सहयोगियों के बीच उनके बारे में अलग-अलग विचार है.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराये जाने के मुद्दे पर, चव्हाण ने कहा, ‘‘यह बहुत स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी राहुल गांधी की लोकप्रियता या उनके द्वारा अडाणी मुद्दे पर उठाए गए सवालों से डरते हैं. वह राहुल गांधी को संसद में नहीं चाहते हैं.'' उन्होंने कहा, ‘‘मोदी ‘भारत जोड़ो यात्रा' के बाद उठे सवालों और राहुल गांधी की लोकप्रियता से डरे हुए हैं. सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राहुल गांधी द्वारा उद्योगपति गौतम अडाणी को लेकर उठाये गये सवालों से डरी हुई है और प्रधानमंत्री सवालों का सामना या जवाब नहीं देना चाहते हैं.''

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इस सवाल पर कि क्या लोकसभा की सदस्यता से गांधी को अयोग्य ठहराये जाने का मुद्दा लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता का कारण बनेगा, चव्हाण ने कहा कि विपक्षी दल एक साथ आ रहे हैं क्योंकि कानूनों का दुरुपयोग किया जा रहा है.चव्हाण ने कहा कि 2024 के आम चुनाव से पहले विपक्षी एकता के लिए उचित स्तर पर बातचीत जारी है.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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