केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी रविवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा विभिन्न जलवायु क्षेत्रों के लिए विकसित किए गए 109 बीजों की किस्मों को जारी करेंगे. चौहान ने शनिवार को बताया कि इनमें अनाज की 23 किस्में, चावल की नौ, गेहूं की दो, जौ की एक, मक्का की छह, ज्वार की एक, बाजरा की एक, रागी की एक, चीना की एक, सांबा की एक, अरहर की दो, चना की दो, मसूर की तीन, मटर की एक, मूंग की दो, तिलहन की सात, चारा और गन्ना की सात-सात, कपास की पांच, जूट की एक और बागवानी की 40 किस्में शामिल हैं.
कृषि मंत्री ने कहा, 'संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग)की सरकार में कृषि बजट 27,000 करोड़ रुपये हुआ करता था, जो अब संबद्ध क्षेत्रों सहित 1.52 लाख करोड़ रुपये का हो गया है. पिछले साल उर्वरकों पर 1.95 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी दी गई थी. इस साल 1.70 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी का प्रावधान है, जो खपत बढ़ने पर और बढ़ जाएगी.'
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि विशेष पैकेज की घोषणा यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि किसानों पर बोझ न पड़े. उन्होंने कहा कि कृषि अर्थव्यवस्था का करीब 17 प्रतिशत हिस्सा है, जबकि यह करीब 50 प्रतिशत आबादी को रोजगार देता है.उन्होंने कहा कि किसान न केवल सबसे बड़ा उत्पादक है, बल्कि सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है.
उन्होंने कहा, 'कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा है. जब किसान कुछ खरीदता है, तो उससे सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) बढ़ती है. प्रधानमंत्री के लिए किसान सर्वोच्च प्राथमिकता हैं. केन्द्र सरकार उत्पादन बढ़ाने और लागत कम करने के साथ-साथ उपज का सही मूल्य दिलाने के लिए काम कर रही है.'