महर्षि वाल्मीकि को PM मोदी ने जयंती पर किया याद, बताया- 'सामाजिक सशक्तीकरण का प्रेरणास्रोत' 

पीएम मोदी ने अपने प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का एक क्लिप साझा कर ट्वीट किया, "वाल्मीकि जयंती के विशेष अवसर पर मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूं. हम अपने समृद्ध अतीत और गौरवशाली संस्कृति को संजोने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हैं. सामाजिक सशक्तीकरण पर उनका जोर हमें प्रेरणा देता रहता है."

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महर्षि वाल्मीकि जयंती पर PM मोदी ने उन्हें याद कर उन्हें प्रेरणास्रोत बताया है. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रसिद्ध महाकाव्य रामायण के रचयिता आदिकवि महर्षि वाल्मीकि (Maharshi Valmiki) की जयंती आज देशभर में खासकर दिल्ली और उत्तर प्रदेश में धूमधाम से मनाई जा रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने ट्वीट कर उन्हें याद किया है और उन्हें नमन किया है.

पीएम मोदी ने अपने प्रसिद्ध रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का एक क्लिप साझा कर ट्वीट किया, "वाल्मीकि जयंती के विशेष अवसर पर मैं महर्षि वाल्मीकि को नमन करता हूं. हम अपने समृद्ध अतीत और गौरवशाली संस्कृति को संजोने में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद करते हैं. सामाजिक सशक्तीकरण पर उनका जोर हमें प्रेरणा देता रहता है."

उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी प्रमुख मायावती ने भी वालमीकि जयंती पर लोगों को शुभकामनाएं दी हैं. उन्होंने ट्वीट किया, "महर्षि वाल्मीकी जी की जयंती पर समस्त देश व प्रदेशवासियों  को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं."

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पौराणिक कथाओं के अनुसार वैदिक काल के महान ऋषि वाल्‍मीकि पहले डाकू थे लेकिन जीवन की एक घटना ने उन्हें बदलकर रख दिया. वह असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे. उनका जन्म आश्विन मास की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा के दिन हुआ था. 

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महर्षि वाल्मीकि जी को लेकर कई तरह की कहानियां प्रचलित हैं. इन कथाओं के अनुसार, वाल्मीकि जी का नाम रत्नाकर था, जो एक डाकू थे लेकिन एक दिन नारद जी की बातें सुनकर उनका हृदय परिवर्तन हो गया. नारद जी ने उन्हें राम नाम का जप करने की सलाह दी थी, जिसके बाद वे राम नाम में लीन होकर तपस्वी बन गए. एक दिन उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर ब्रह्मा जी ने उन्हें ज्ञान का भंडार दिया था, जिसके बाद महर्षि वाल्मीकि जी ने रामायण महाकाव्य की रचना की थी.

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