जम्मू-कश्मीर में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार सवाल उठाए गए हैं. हालांकि यहां के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की मानें तो केंद्र शासित प्रदेश में प्रेस "पूर्ण रूप से स्वतंत्र" है. मनोज सिन्हा ने राजभवन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा, “एक अंतरराष्ट्रीय संगठन की रिपोर्ट के अनुसार, कश्मीर में सात पत्रकारों को आतंकवाद और सामाजिक सद्भाव को बाधित करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, उनकी रिपोर्टिंग के लिए नहीं. दुनिया में कहीं भी यह संख्या 10 से 20 गुना अधिक है."
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक स्वतंत्र और सक्रिय मीडिया है. उन्होंने कहा, "यहां 400 से अधिक समाचार पत्र प्रकाशित होते हैं."
'जम्मू कश्मीर शांति और समृद्धि की भूमि'
इसके साथ ही उन्होंने कहा, "आज का जम्मू कश्मीर हड़ताल या पत्थरबाजों की भूमि नहीं है. यह शांति और समृद्धि की भूमि है, जिसे जिम्मेदार और उत्तरदायी प्रशासन लोगों के जीवन में लाने के लिए बहुत कोशिश कर रहा है. जम्मू कश्मीर भारत के संविधान द्वारा शासित है, जिसने कानून का शासन और लोगों की सर्वोच्चता स्थापित की है."
'कहीं कोई बंदिश नहीं'
वैसे पहली बार ऐसा हो रहा है कि श्रीनगर में एक अंतरराष्ट्रीय स्तर का सम्मेलन हो रहा है और पूरा शहर खुला है. उन्होंने कहा, "कहीं कोई बंदिश नहीं है." इससे पहले उपराज्यपाल ने पर्यटन पर जी20 की तीसरी वर्किंग ग्रुप की बैठक में भाग लिया. बता दें कि इसमें 27 देशों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.
शिकारावाले नाखुश दिखे
हालांकि कुछ नागरिक इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते हैं. पूरे बुलेवार्ड रोड पर पुलिस ने ट्रैफिक की आवाजाही बंद कर रखी है, जिसके चलते कई शिकारावाले भी नाखुश दिखे. उन्होंने कहा, "ये हमारा टूरिस्ट सीजन है, यहां बंदिशें लगाई गई हैं, जिससे हमारा नुकसान हो रहा है."
ये भी पढ़ें :
* G-20 बैठक : अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कश्मीर को फिल्म निर्माण का हब बनाने की तैयारी, जितेंद्र सिंह बोले - जन्नत है ये इलाका
* जम्मू कश्मीर : NIA ने नए आतंकी संगठनों और उनके मददगारों पर कसा शिकंजा, 16 ठिकानों पर की छापेमारी
* बैठक से निकलकर SCO के अलावा हर मुद्दे पर बोले PAK विदेश मंत्री, ऐसा करना सही नहीं : एस जयशंकर