राष्ट्रपति चुनाव (Presidential election) को लेकर ममता बनर्जी की ओर से बुलाई गई बैठक में शरद पवार ने राष्ट्रपति उम्मीदवारी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. बताया जाता है कि शरद पवार (Sharad Pawar) ने अभी राजनीति में सक्रिय रहने की इच्छा जताई है. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव को लेकर बुधवार को दिल्ली में 22 राजनीतिक दलों की बैठक बुलाई थी. हालांकि 16 विपक्षी दलों के नेता ही इस बैठक में पहुंचे. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद ममता बनर्जी ने राष्ट्रपति पद के लिए गोपाल कृष्ण गांधी और फारूक अब्दुल्ला के नाम का प्रस्ताव रखा. इस विषय पर कोई ठोस रणनीति बनाने और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का नाम तक करने के लिए एक सप्ताह के अंदर विपक्षी दलों की एक बार फिर बैठक होगी.
अगले हफ्ते एक और बैठक होगी
बैठक आयोजित करने वाली ममता बनर्जी ने कहा कि आज विपक्ष के नेताओं की अध्यक्षता में बैठक हुई. बैठक में तय किया गया कि शरद पवार ममता बनर्जी और मलिकार्जुन खड़गे सभी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ आम सहमति बनाने के लिए बात करेंगे. एनसीपी नेता सुभाष देसाई ने कहा कि बैठक में तय किया गया है कि एक हफ्ते बाद विपक्षी दलों के नेताओं की फिर बैठक होगी. उनमें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम पर सहमति होगी. फिलहाल बैठक में शरद पवार के नाम पर चर्चा हुई, लेकिन पवार उम्मीदवार बनने के लिए तैयार नहीं हैं.
जो दल मीटिंग में नहीं पहुंचे उनसे राय लेंगे: पवार
एनसीपी नेता शरद पवार ने ममता बनर्जी के विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि अभी वह सक्रिय राजनीति में रहना चाहते हैं. इसके पहले 81 वर्षीय शरद पवार ने पहले अपनी पार्टी के नेताओं के साथ बैठक में भी राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने की अटकलों पर लगाम लगा दिया था. सूत्रों ने बताया कि आज एक बार फिर शरद पवार ने विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने से मना कर दिया. शरद पवार ने मीटिंग के बाद कहा कि जो नेता बैठक में नहीं पहुंच पाये हैं, उनसे भी इस बारे में राय जरूर लेंगे.
'मोदी सरकार संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है'
ममता बनर्जी ने कहा कि सभी महत्वपूर्ण पार्टी के नेता आए. सीपीएम और सीपीआई भी आये. टीएमसी, पीडीपी के नेता भी आए. सभी पार्टी को नेता शरद पवार के नाम पर सहमत थे लेकिन पवार अभी तैयार नहीं हैं. ममता बनर्जी ने कहा कि आज मोदी सरकार सभी संस्थाओं का मिस यूज कर रही है. इसको रोकने के लिए हम सभी को एक साथ बैठने की जरूरत है.
बता दें कि इस बैठक में मुख्यमंत्रियों समेत 22 विपक्षी दलों को न्योता भेजा गया था. ममता बनर्जी की इस बैठक में आप संयोजक अरविंद केजरावील और तेलंगाना राष्ट्र समिति के मुखिया के. चंद्रखेशर राव बैठक में शामिल नहीं हुए. वहीं नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी की तरफ से भी कोई नेता इसमें शामिल नहीं हुआ. साथ ही अकाली दल और जगनमोहन रेड्डी की पार्टी भी इस बैठक से दूर रही. ममता बनर्जी ने यह बैठक आगामी राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार तय करने के लिए बुलाई थी.
इस बैठक में एनसीपी से शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, सपा से अखिलेश यादव, पीडीपी से महबूबा मुफ्ती, कांग्रेस के जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे, डीएमके के टी आर बालू, शिवसेना से सुभाष देसाई और प्रियंका चतुर्वेदी, जेडीएस से एचडी कुमारस्वामी और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा, नेशनल कॉन्फ्रेस से उमर अबदुल्ला, आरजेपी से मनोज झा और एडी सिंह मीटिंग में पहुंचे थे.
इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक 20 या 21 जून को हो सकती है, जिसमें विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार कौन होगा, इसका अंतिम फैसला लिया जायेगा. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है. विपक्षी दल इससे करीब एक हफ्ते पहले अपना उम्मीदवार तय करेंगे.
ममता बनर्जी की बैठक में 16 विपक्षी दलों के नेता पहुंचे, राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर होगी चर्चा
राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में जुटा विपक्ष, ममता बनर्जी ने दिल्ली में बुलाई बैठक