राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की तरफ से एक उम्मीदवार के नाम पर आम सहमति बनाने के लिए आज तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ममता बनर्जी विपक्षी दलों के नेताओं के साथ 3 बजे पहली बैठक करेंगी. इस बैठक में विपक्षी नेताओं की एक विशेष कमेटी बनाने के प्रस्ताव पर चर्चा हो सकती है. इसमें अहम विपक्षी दलों के 8 नेता शामिल हो सकते हैं. ये कमेटी अगले एक हफ्ते में संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा कर विपक्षी दलों में आम सहमति बनाने की कोशिश करेग और संभावित उम्मीदवारों के नाम पर भी चर्चा करेगी.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की TRS बैठक में भाग नहीं लेंगे. पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाए रखने का फैसला किया है. इसके पीछे कारण बताया गया कि टीआरएस की आपत्ति के बावजूद बैठक में कांग्रेस को आमंत्रित किया गया है. तेलंगाना में कांग्रेस मुख्य विपक्षी दल है. तेलंगाना में हाल ही में एक जनसभा में राहुल गांधी ने बीजेपी के खिलाफ बिना कुछ बोले टीआरएस सरकार पर निशाना साधा था. तेलंगाना में कांग्रेस ने टीआरएस के खिलाफ बीजेपी के साथ साठगांठ कर रखी है. इसलिए कांग्रेस के साथ कोई भी मंच साझा करने का सवाल ही नहीं है.
टीआरएस ने ये भी आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव से लेकर हुजुराबाद उपचुनाव तक, बीजेपी को जिताने के लिए कांग्रेस अपनी जमा पूंजी भी गंवाने को तैयार थी तो किसी भी बिंदु पर ऐसी पार्टी में विश्वास का कोई सवाल नहीं है. टीआरएस ने आरोप लगाया कि उम्मीदवार पहले ही चुन लिया गया और बाद बैठक बुलाई गई है. बताइये ऐसा क्यों किया. सही प्रक्रिया यह होती कि बैठकें आयोजित की जातीं, आम सहमति पर पहुंचे, उम्मीदवार पर स्वीकृति ली जाती और बैठक के बाद नाम की घोषणा की जाती. इसलिए टीआरएस बैठक में हिस्सा नहीं लेगी. हमारी पार्टी राष्ट्रपति चुनाव में किस तरह मतदान करेगी इस बारे में निर्णय और घोषणा बाद में की जाएगी.
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बता दें कि बैठक में ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल के भी भाग लेने की संभावना कम है. आज होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में आम आदमी पार्टी भी शामिल नहीं होगी. आम आदमी पार्टी सूत्रों के मुताबिक 'राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित होने के बाद ही AAP इस मुद्दे पर विचार करेगी.
इसके बाद विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक 20 या 21 जून को हो सकती है, जिसमे विपक्ष की तरफ से उम्मीदवार कौन होगा इसका अंतिम फैसला लिया जायेगा. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की आखिरी तारीख 29 जून है. विपक्षी दल इससे करीब एक हफ्ते पहले अपना उम्मीदवार तय करेंगे.
शरद पवार की लेफ्ट नेताओं सीताराम येचुरी और डी राजा के साथ मुलाकात के दौरान कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद और गोपाल कृष्णा गाँधी जैसे नेताओं के नाम पर चर्चा हुई. सूत्रों के मुताबिक लेफ्ट नेताओं ने गुलाम नबी आज़ाद के नाम पर आपत्ति जताई. शरद पवार ने लेफ्ट नेताओं को साफ़ कहा की वो विपक्ष का उमीदवार बनने के लिए उत्सुक नहीं हैं.