राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कार्यकाल के आखिरी दिन देश के नाम दिया संबोधन, कहा - देश सक्षम हो रहा है

अपने कार्यकाल के दौरान कानपुर स्थित अपने गांव जाने का भी रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान अपने पैतृक गांव का दौरा करना सबसे सुखद अनुभव था.

विज्ञापन
Read Time: 23 mins

रा,्ट

नई दिल्ली:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बतौर राष्ट्रपति अपने कार्यकाल के आखिरी दिन देश के नाम संबोधन दिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आज से पांच साल पहले, आप सबने मुझ पर अपार भरोसा जताया था और अपने निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों के माध्यम से मुझे भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना था. मैं आप सभी देशवासियों के प्रति और आपके जन-प्रतिनिधियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि कानपुर देहात जिले के परौंख गांव के अति साधारण परिवार में पला-बढ़ा राम नाथ कोविन्द आज आप सभी देशवासियों को संबोधित कर रहा है, इसके लिए मैं अपने देश की जीवंत लोकतांत्रिक व्यवस्था की शक्ति को शत-शत नमन करता हूं. राष्ट्रपति कोविंद ने देश के विकास का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने के लिए हमारा देश सक्षम हो रहा है, यह मेरा दृढ़ विश्वास है.

अपने कार्यकाल के दौरान कानपुर स्थित अपने गांव जाने का भी रामनाथ कोविंद ने अपने संबोधन में जिक्र किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति के कार्यकाल के दौरान अपने पैतृक गांव का दौरा करना और अपने कानपुर के विद्यालय में वयोवृद्ध शिक्षकों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेना मेरे जीवन के सबसे यादगार पलों में हमेशा शामिल रहेंगे. राष्ट्रपति ने आगे कहा कि मैं सभी देशवासियों के प्रति हार्दिक कृतज्ञता व्यक्त करता हूं. भारत माता को सादर नमन करते हुए मैं आप सभी के उज्ज्वल भविष्य की मंगल कामना करता हूं.

Advertisement
Advertisement

जलवायु परिवर्तन का संकट भी एक बड़ा संकट है. आज हमारी धरती के भविष्य के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है. हमें अपने बच्चों की खातिर अपने पर्यावरण, अपनी जमीन, हवा और पानी का संरक्षण करना है. राष्ट्रपति ने युवाओं से भी खास अपील की. उन्होने कहा कि अपनी जड़ों से जुड़े रहना भारतीय संस्कृति की विशेषता है.

Advertisement

Advertisement

मैं युवा पीढ़ी से यह अनुरोध करूंगा कि अपने गाँव या नगर तथा अपने विद्यालयों व शिक्षकों से जुड़े रहने की इस परंपरा को आगे बढ़ाते रहें. कोविंद ने कहा कि अपने कार्यकाल के पांच वर्षों के दौरान, मैंने अपनी पूरी योग्यता से अपने दायित्वों का निर्वहन किया है.  मैं डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद, डॉक्टर एस. राधाकृष्णन और डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम जैसी महान विभूतियों का उत्तराधिकारी होने के नाते बहुत सचेत रहा हूं.