"पीटी उषा हमारे साथ खड़ी हैं और न्याय दिलाएंगी": जंतर-मंतर पर मुलाकात के बाद बोले पहलवान

पहलवान बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और कॉमनवेल्थ गेम्स गोल्ड मेडलिस्ट विनेश फोगाट की अगुआई में पहलवान दिल्ली के जंतर-मंतर पर 11 दिन से धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाए हैं और उनकी गिरफ्तारी की मांग की है.

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नई दिल्‍ली:

भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के चीफ बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों का जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन जारी है. भारतीय ओलंपिक एसोसिएशन (IAO) की अध्यक्ष पीटी उषा ने हाल ही में बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ सड़कों पर पहलवानों के #MeToo प्रोटेस्ट की कड़ी आलोचना की थी. पहलवानों ने पीटी उषा के इस बयान पर हैरानी जताई थी. अब बुधवार को पीटी उषा ने जंतर-मंतर पहुंच कर पहलवानों से मुलाकात की है.

जंतर-मंतर पर पूर्व ओलंपियन पीटी उषा ने धरने पर बैठे पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मालिक और बाकी पहलवानों से बातचीत की. इस दौरान बजरंग पूनिया ने बताया, "पीटी उषा ने बोला कि वे हमारे साथ खड़ी हैं और हमें न्याय दिलाएंगीं. वे पहले एक एथलीट हैं और फिर कुछ और. पीटी उषा ने यह भी कहा कि उनकी टिप्पणियों का गलत अर्थ निकाला गया" बजरंग पूनिया ने कहा कि बृजभूषण शरण सिंह के जेल जाने तक हम यहीं रहेंगे.

पीटी उषा ने पहले कहा था- धरने से खराब हो रही देश की छवि
इससे पहले पीटी उषा ने धरने का विरोध करते हुए कहा था कि खिलाड़ियों को सड़कों पर विरोध-प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. इससे देश की छवि खराब हो रही है. इसके जवाब में पहलवानों ने कहा था कि उनसे ऐसे बयान की उम्मीद नहीं थी. वो न्याय और सहयोग के लिए पीटी उषा की ओर देख रहे थे.

तीन महीने के लंबे इंतजार से निराश पहलवानों ने 23 अप्रैल से जंतर मंतर पर फिर से धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया और डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष की गिरफ्तारी को लेकर उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. स्पष्ट है पहलवानों के इस कदम से आईओए खुश नहीं था. 

बृजभूषण बोले- जब घर आते थे, तब क्यों नहीं की शिकायत
बृजभूषण शरण सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में पहलवानों पर ही आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा, ''जिन अध्यक्ष के घर आप आते थे, शादी में बुलाते थे, परिवार में आते थे, घुल-मिलकर रहते थे, जैसे एक परिवार हों. तब आपने कोई गोपनीय शिकायत नहीं की. आपको तब सारी दिक्कत हो जाती है, जब मैं एक पॉलिसी लेकर आता हूं."

उन्होंने कहा, "ओलिंपिक में कौन जाएगा, कौन नहीं जाएगा, ये नियम बनाता हूं, तब आपको तकलीफ होती है. कुश्ती में सामान्य परिवार के बच्चे आते हैं. कहीं न कहीं उनके माता-पिता अपनी जरूरतों में कटौती करके बादाम-घी का इंतजाम करते हैं."

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