Presidential Election 2022 : उत्तर प्रदेश समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद देश के अगले राष्ट्रपति पद को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है. मौजूदा चुनाव परिणामों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा में स्थिति को भी मजबूत किया है और इसी साल राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के हिसाब से भी उसकी स्थिति बेहतर हुई है. भारत के राष्ट्रपति (President of India) का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज के माध्यम से किया जाता है. यह इलेक्टोरल कॉलेज लोकसभा और राज्यसभा के 776 सांसदों और विभिन्न राज्यों के कुल 4120 विधायकों से मिलकर बनता है. कुल इलेक्टोरल कॉलेज (electoral college) की ताकत 10,98,903 वोट की है औऱ बीजेपी की कुल ताकत 50 फीसदी से ज्यादा है. हर सांसद के वोट की ताकत 708 होती है. विधायकों के मामले में यह राज्यों के हिसाब से तय होती है. यूपी में हर विधायक के वोट की स्ट्रेंथ 208 होती है.
एक खत्म तो दूसरा चालू', चुनाव प्रधान देश में जानिए 2022 के ताबड़तोड़ इलेक्शन का कैलेंडर
देश के सबसे बड़े राज्य यूपी समेत चार राज्यों में बीजेपी को सत्ता हासिल हुई है. यूपी में बीजेपी की रिकॉर्ड जीत का असर 31 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव और जुलाई में संभावित राष्ट्रपति चुनाव पर भी पड़ना तय है. बीजेपी और उसके सहयोगी दलों ने यूपी की 273 सीटों पर जीत हासिल की है, ऐसे में अगले राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान हुआ तो उसे जीत हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी. उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू (Venkaiah Naidu) को इस शीर्ष पद के लिए फ्रंटरनर माना जा रहा है, लेकिन बीजेपी नेतृत्व को अभी इस पर निर्णय़ लेना है क्या कि मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को दूसरे कार्यकाल की पेशकश की जानी चाहिए.
अभी तक सिर्फ देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद को ही दो बार का कार्यकाल मिला है. सरकार के सूत्रों का कहना है कि इस मामले में गहराई से विचार की आवश्यकता है और अंत में गहन विचार-विमर्श के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी निर्णय़ लेंगे कि राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) के लिए कौन सबसे उपयुक्त व्यक्ति होगा.
अभी बहुत दिन हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि सरकार इस मामले में सहयोगियों को भरोसे में लेना और अन्य दलों का समर्थन लेना चाहती है. हालांकि वो अगला राष्ट्रपति तय करने में बेहद आसान और निर्णायक भूमिका में है.