भारतीय संविधान के मुख्य शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर की आज 65वीं पुण्यतिथि है. इस दिन को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है. बाबासाहेब आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर, 1956 को नई दिल्ली में हुआ था. राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत नेताओं ने महापरिनिर्वाण दिवस पर बाबा साहेब आंबेडकर को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया, "महापरिनिर्वाण दिवस पर मैं डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं और हमारे राष्ट्र के लिए उनकी अनुकरणीय सेवा को याद करता हूं. उनके संघर्षों ने लाखों लोगों को उम्मीद दी. भारत को इतना व्यापक संविधान देने के उनके प्रयासों को कभी भुलाया नहीं जा सकता."
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बाबासाहेब डॉ. बीआर अंबेडकर को उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर संसद भवन परिसर में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इस दौरान उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ प्रधानमंत्री मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला भी मौजूद रहे.
गृहमंत्री अमित शाह ने भी ट्वीट करते हुए डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने ट्वीट कर लिखा बाबासाहेब अंबेडकर ने देश को एक न्याय उन्मुख, प्रगतिशील व सर्वसमावेशी संविधान दिया, जिससे हर वर्ग के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित हुई. बाबासाहेब का संघर्षपूर्ण जीवन, विचार और उपलब्धियां सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं. आज उनके महापरिनिर्वाण दिवस पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन करता हूं.
6 दिसंबर 1956 को बाबासाहेब अंबेडकर का देहावसान हुआ था. संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर बड़े समाज सुधारक और विद्वान थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन जातिवाद को खत्म करने और गरीब, दलितों, पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए अर्पित किया. इसलिए आज के दिन उनकी पुण्यतिथि को देश भर में महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है.
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