"राष्ट्रपति भी पल्लू से ढकती हैं अपना सिर" : हिजाब पर जारी विवाद के बीच कर्नाटक नेता का तर्क

कर्नाटक सरकार के 5 फरवरी, 2022 के एक आदेश ने स्कूलों और कॉलेजों में "समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े" पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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दवे ने कहा, "मेरे नजरिए में, स्कूल सबसे सम्मानित स्थान है. यह पूजा की जगह है."
नई दिल्ली:

कर्नाटक हिजाब बैन मामले में सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के बीच जनता दल (सेक्युलर) के कर्नाटक प्रमुख सीएम इब्राहिम ने मंगलवार को इस्लामिक हेडस्कार्फ़ की तुलना पल्लू से की. उन्होंने कहा, " राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी पल्लू से अपना सिर ढकती हैं, क्या यह PFI की साजिश है?". ये बात उन्होंने उन आरोपों पर कहा, जो ये कहते हैं कि इस्लामिक संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) राज्य में हिजाब बैन के खिलाफ हुए भारी विरोध के पीछे था. 

उन्होंने कहा, " इंदिरा गांधी ने अपने सिर को पल्लू से ढका था. राष्ट्रपति भी पल्लू से अपना सिर ढकती हैं, इसलिए जो लोग अपने चेहरे को घूंघट से ढकते हैं, क्या वे सभी पीएफआई द्वारा समर्थित हैं? पल्लू के साथ सिर ढकना भारत का इतिहास है. यह एक भारतीय संस्कार है." दरअसल, कर्नाटक सरकार ने आज अदालत को बताया कि हिजाब के विरोध के पीछे पीएफआई का हाथ था. साथ ही ये दावा किया कि 2021 तक स्कूलों में हिजाब नहीं पहना जा रहा था. 

गौरतलब है कि 5 फरवरी, 2022 के कर्नाटक सरकार के एक आदेश ने स्कूलों और कॉलेजों में "समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाले कपड़े" पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था.  इब्राहिम ने राजस्थान में पारंपरिक कपड़े की ओर इशारा करते हुए कहा कि वहां महिलाएं अपने सिर और चेहरे को पल्लू से ढकती हैं. " राजस्थान में कोई राजपूत महिला अपना चेहरा नहीं दिखाती है, वो एक लंबा घूंघट रखती हैं. क्या आप इसे भी मुस्लिम प्रथा कहकर प्रतिबंधित कर सकते हैं?" जेडी(एस) नेता ने कहा, हिजाब और पल्लू के बीच का अंतर सिर्फ भाषा का अंतर है, लेकिन काम वही रहता है. 

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हिजाब बैन को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी है कि हिजाब मुसलमानों की "पहचान" है. वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने सोमवार को अदालत को बताया कि कर्नाटक राज्य के अधिकारियों की चूक और कमीशन के विभिन्न कृत्यों ने "अल्पसंख्यक समुदाय को हाशिए पर डालने का पैटर्न" दिखाया है. दवे ने कहा कि धार्मिक अभ्यास वह है जो समुदाय अपने धार्मिक विश्वास के हिस्से के रूप में करता है. पीठ ने कहा कि परंपरागत रूप से, जब भी कोई व्यक्ति किसी सम्मानित स्थान पर जाता है, तो वह अपना सिर ढक लेता है. 

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दवे ने कहा, "मेरे नजरिए में, स्कूल सबसे सम्मानित स्थान है. यह पूजा की जगह है," यहां तक ​​​​कि प्रधानमंत्री भी 15 अगस्त को पगड़ी पहनते हैं. मालूम हो कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब को लेकर विवाद जनवरी में शुरू हुआ जब सरकारी पीयू उडुपी में कॉलेज ने हिजाब पहनने वाली छह छात्राओं को परिसर में प्रवेश करने से रोक दिया, इसमें यूनिफॉर्म कोड का हवाला दिया गया है. ऐसे में युवतियों ने कॉलेज के गेट पर धरना दिया.

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