ऑनलाइन गेमिंग बिल संसद में पारित होने के बाद अब सरकार ने इसे देशभर में लागू करने के लिए रूल्स फ्रेम करने की तैयारी शुरू कर दी है. इस दिशा में शुक्रवार को मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी ने स्टेकहोल्डर्स के साथ मंत्रालय में पहली महत्वपूर्ण बैठक बुलाई है. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में देश के बड़े बैंकों और फिनटेक इंडस्ट्री के बड़े प्रतिनिधि शामिल होंगे. इसके अलावा बैठक में इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी भाग ले सकते हैं.
हाई लेवल मीटिंग में फ्रेमवर्क पर होगी चर्चा
इस हाई लेवल मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग कानून को देश भर में लागू करने के लिए जरूरी रूल्स किस तरह फ्रेम किए जाएं और किस तरह का रोडमैप जरूरी होगा, इन अहम सवालों पर सरकार इंडस्ट्री के साथ मंथन करेगी.
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी के मुताबिक हर साल करीब 45 करोड़ लोगों को ऑनलाइन मनी गेम्स की वजह से 20,000 करोड रुपए तक का नुकसान होता है. देश में लाखों परिवार ऑनलाइन मनी गेम्स की वजह से प्रभावित हो रहे हैं. सैकड़ो परिवारों को वित्तीय नुकसान हो रहा है, सुसाइड की घटनाएं बढ़ रही हैं और परिवारों में हिंसक घटनाओं में भी इजाफा हुआ है.
नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के तीन मुख्य हिस्से हैं-
- पहला, सरकार इस नए कानून के जरिये ई-स्पोर्ट्स को देश में बढ़ावा देना चाहती है. इस नए विधेयक से ई-स्पोर्ट्स को लीगल रिकग्निशन दिया गया है. अब तक ई-स्पोर्ट्स को कोई लीगल बेकिंग देश में नहीं थी.
- दूसरा, इस नए कानून के जरिए ऑनलाइन सोशल गेम्स को भी लीगल रिकॉग्निशन दिया गया है. यह आम लोगों के एजुकेशन में भी काम आएगा.
- तीसरा, सरकार इस नए कानून के जरिए ऑनलाइन मनी गेम्स पर नकेल कसना चाहती है. ना मानने पर कठोर सजा का प्रावधान है.
इस नए कानून में ऑनलाइन मनी गेमिंग को प्रमोट करने वाली कंपनियां, जो ऑनलाइन मनी गेमिंग सर्विस प्रोवाइड करते हैं, ऑनलाइन मनी गेम्स को एडवर्टाइज करते हैं, फंड ट्रांसफर करते हैं और ऑनलाइन गेमिंग सर्विस प्रोवाइड करते हैं उनके खिलाफ करवाई करने के लिए सख्त प्रावधान शामिल किए हैं.