कोविड -19 महामारी के बीच मथुरा का प्रसिद्ध कृष्ण जन्मभूमि मंदिर जन्माष्टमी मनाने के लिए तैयार है. मंदिर में भगवान कृष्ण के जन्मदिन की पूर्व संध्या पर रविवार को पूजा करने आए भक्तों की बड़ी भीड़ देखी गई. मंदिर में कोविड -19 दिशानिर्देशों के उल्लंघन से बचने के लिए सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. इससे पहले शनिवार को उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) मुकुल गोयल ने राज्य में जन्माष्टमी के जश्न के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे. मंदिरों में आने वाले सभी भक्तों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है.
बड़ी संख्या में लोग त्योहार मनाने के लिए मथुरा के यमुना घाट पर एकत्र हो गए हैं. भगवान कृष्ण के जन्मदिन पर उनके जन्मस्थान के दर्शन करना संभव होने पर वे खुशी व्यक्त कर रहे हैं. राजकोट से आए एक भक्त प्रीत पारेख ने कहा, "मैं कोविड -19 महामारी के कारण दो साल तक मथुरा नहीं आ सका. मैं यहां लंबे समय के बाद बहुत खुश हूं. हमारी वृंदावन और गोकुल जाने की भी योजना है." वे गुजरात से अपने परिवार के साथ जन्माष्टमी मनाने के लिए यहां आए हैं.
एक अन्य भक्त ने ऐसे त्योहारों और उत्सवों के माध्यम से भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने की पहल के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की प्रशंसा की.
इस बीच जन्माष्टमी पर मथुरा में पेंटिंग प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जा रहा है. मथुरा संग्रहालय के उप निदेशक यशवंत सिंह राठौर ने कहा, "हम जन्माष्टमी मनाने के लिए एक प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं. इस प्रदर्शनी में तीस कलाकार भाग ले रहे हैं."
प्रदर्शनी में भाग लेने वाले कलाकारों ने इस पहल की सराहना की. दिल्ली की एक कलाकार कृष्णा त्रिवेदी ने कहा, "मैं इस प्रदर्शनी में भाग लेने पर भाग्यशाली महसूस कर रही हूं. हम भगवान कृष्ण के लिए अपनी भावनाओं के आधार पर पेंटिंग बना रहे हैं. इन्हें बाद में लोगों के लिए प्रदर्शित किया जाएगा."
जन्माष्टमी पर भगवान कृष्ण के जन्म का उत्सव मनाया जाता है. श्रद्धालु उपवास रखते हैं और मंदिरों में जाकर दर्शन करते हैं.