कषि कानूनों को वापस लेने की तैयारी शुरू, मुख्यमंत्री खट्टर बोले- किसानों से पूछा जाना चाहिए सवाल

सूत्रों के मुताबिक कृषि मंत्रालय तीनों कानूनों को रद्द करने के लिए कैबिनेट नोट और ड्राफ्ट रिपील बिल तैयार कर रहा है. बुधवार को कैबिनेट तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे देगी.

विज्ञापन
Read Time: 20 mins
सरकार ने तीनों नए कृषि कानून को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है
नई दिल्ली:

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने तीनों नए कृषि कानून को वापस लेने की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों के मुताबिक कृषि मंत्रालय तीनों कानूनों को रद्द करने के लिए कैबिनेट नोट और ड्राफ्ट रिपील बिल तैयार कर रहा है. जून 2020 से अब तक इन नए कानून को लागू करने के लिए शुरू की गई सभी पहल को वापस लिया जायेगा. बुधवार को कैबिनेट तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे देगी. इस बीच सोमवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल कि पीएम द्वारा तीनों के कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के पश्चात भी किसान बॉर्डर पर डटे हुए हैं, पर कहा कि तीनों कृषि कानून वापस लेने की घोषणा के पश्चात ही किसानों को उठ जाना चाहिए था, लेकिन इसके बावजूद यदि वा डटे हुए हैं तो यह सवाल तो किसानों से पूछा जाना चाहिए.

एक बिल के जरिये रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, MSP पर गारंटी के विकल्पों पर भी विचार

बता दें कि सरकार में MSP व्यवस्था को मज़बूत और पारदर्शी करने के लिए हाई-लेवल समिति गठित करने पर भी मंथन शुरू हो गया है. हालांकि किसान संगठनों की  MSP की कानून गारंटी देने की मांग के बाद सरकार पर विपक्षी दलों का दबाव बढ़ता जा रहा है. कांग्रेस नेता पीएल पुनिया ने एनडीटीवी से कहा कि एमएसपी की कानूनी गारंटी की किसान संगठनों की मांग जायज है. सरकार को इसे संसद के शीतकालीन सत्र में स्वीकार कर लेना चाहिए. 

बसपा सांसद कुंवर दानिश अली ने एनडीटीवी से कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार को एमएसपी की लीगल गारंटी देने के लिए नया कानून लाना चाहिए. विपक्षी दल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल को वापस लेने और कानून में पराली जलाने के लिए तय फाइन को भी वापस लेने का समर्थन कर रहे हैं.  

Advertisement

लखनऊ में महापंचायत, किसान संगठनों के फिलहाल कदम पीछे खींचने के आसार नहीं

गौरतलब है कि 29 नवम्बर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले MSP की गारंटी देने के लिए नया कानून, इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल वापस लेना और पराली पर फाइन के प्रावधान को कानून में खत्म करने को लेकर दबाव बढ़ता जा रहा है. किसान संगठनों की इन मुख्य मांगों पर सरकार का रूख तय करेगा कि किसान आंदोलन की आने वाले दिनों में दिशा क्या होगी.

Advertisement

कृषि कानूनों की वापसी ही काफी नहीं, सभी मांगें पूरी होने तक किसान जारी रखेंगे आंदोलन

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Elections: Palam में Solanki VS Solanki का मुकाबला, तीनों पार्टियों के उम्मीदवार एक ही गांव से
Topics mentioned in this article