रामलीला के लिए तैयारी जोरों पर : तीन मंजिला होगा मंच, अयोध्या मंदिर की दिखेगी प्रतिकृति

इस साल रामलीला (Ramlila) को और भव्य बनाने के लिए राम मंदिर की 70 फुट ऊंची प्रतिकृति के साथ तीन मंजिला मंच, हवा में कलाकारों को उठाने के लिए क्रेन का प्रयोग और थ्री-डी प्रभाव का इस्तेमाल होगा.

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रामलीला से पहले स्वास्थ्य शिविर समेत कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
नई दिल्ली:

इस साल रामलीला (Ramlila) को और भव्य बनाने के लिए राम मंदिर की 70 फुट ऊंची प्रतिकृति के साथ तीन मंजिला मंच, हवा में कलाकारों को उठाने के लिए क्रेन का प्रयोग और थ्री-डी प्रभाव का इस्तेमाल होगा. लव कुश रामलीला समिति द्वारा दिल्ली (Delhi) के लाल किला मैदान में 26 सितंबर से छह अक्टूबर तक 10 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. आयोजकों के मुताबिक कोविड-19 (Covid-19) के प्रकोप के बाद यह पहली बार होगा, जब रामलीला इतने बड़े पैमाने पर अयोजित होगी. आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं. आयोजकों ने कहा कि मुंबई, कोलकाता, लखनऊ, मथुरा और वृंदावन के कलाकार एक साथ काम कर रहे हैं ताकि दर्शकों को रामायण के एक अभूतपूर्व, ऐतिहासिक पाठ का अनुभव मिल सके.

पिछले कुछ वर्षों में, यह आयोजन राष्ट्रीय राजधानी की पहचान बन गया है, जहां दूर-दराज के क्षेत्रों के लोग नवरात्रि के दौरान रामलीला देखने आते हैं. आयोजक 2022 की रामलीला को एक भव्य आयोजन बनाना चाहते हैं क्योंकि देश आजादी के 75 साल और उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का जश्न मना रहा है. इस साल की रामलीला कई स्तरों पर अलग होगी. पहले की तुलना में एक बड़ा और अधिक आकर्षक मंच तैयार किया जाएगा. आयोजन के दौरान 40,000 लोगों के लिए बैठने की व्यवस्था होगी यानी सामान्य से 15,000 अधिक लोग इस बार रामलीला देख सकेंगे.

लव कुश रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘समिति लाल किले के मैदान में 180 गुणा 60 फुट का तीन मंजिला मंच बनाएगी. मंच के ऊपर एक बड़ा राम मंदिर बनाया जाएगा. यह रामलीला के लिए अब तक का सबसे बड़ा मंच होगा. अब तक यह 120 गुणा 48 फुट का हुआ करता था.'' उन्होंने कहा, ‘‘एक तरफ 30 फुट में कैलाश पर्वत के नजारे होंगे तो दूसरी तरफ जंगल के दृश्य होंगे. मंदिर की प्रतिकृति की ऊंचाई 70 फुट होगी.''

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मंच को एलईडी लाइट से सजाया जाएगा और इसमें कलाकारों के प्रवेश और निकास के लिए पांच दरवाजे होंगे. मंच के हिस्से अलग-अलग राज्यों में तैयार किए जा रहे हैं और उन्हें यहां जोड़ दिए जाएंगे. कुमार ने कहा, ‘‘बेहतर अनुभव देने के लिए थ्री-डी इफेक्ट का उपयोग किया जाएगा. जैसे जंगल का कोई दृश्य है, तो आप पक्षियों को चहचहाते हुए सुन पाएंगे और ऐसा महसूस करेंगे जैसे आप जंगल में हैं.''उन्होंने कहा कि मंचन के दौरान कलाकारों को हवा में उठाने के लिए दो बड़ी क्रेन का इस्तेमाल किया जाएगा और विशेषज्ञ, कलाकारों को स्टंट में महारत हासिल करने का प्रशिक्षण दे रहे हैं. मंच के कुछ हिस्सों को कोलकाता में तैयार किया जा रहा है, प्रदर्शन करने वाले कलाकार, स्टंट मैन और मेकअप कलाकार मुंबई से हैं और मंच के चित्रकार वृंदावन और मथुरा से हैं.

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कलाकारों के चयन की प्रक्रिया जारी है और कई पात्रों को अंतिम रूप दिया गया है. अभिनेता सोनू डागर राम की भूमिका निभाएंगे, शिवानी राघव सीता की भूमिका निभाएंगी और अभिनेता गोवर्धन असरानी नारद की भूमिका निभाएंगे. कुमार ने कहा, ‘‘कुल मिलाकर 250 स्थानीय कलाकार प्रदर्शन करेंगे और 30 कलाकार मुंबई से आ रहे हैं. बॉलीवुड स्टंट मैन उन्हें प्रशिक्षित करेंगे. लगभग 200 लोगों को मंच और मंदिर की तैयारी में लगाया जा रहा है. हम 40,000 लोगों के बैठने की व्यवस्था भी करेंगे. कोविड से पहले जितने लोग बैठते थे, उससे 15,000 अधिक सीट की व्यवस्था होगी.''

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दशहरे के दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के बड़े-बड़े पुतले जलाए जाएंगे. ये पुतले क्रमश: 100 फुट, 90 फुट और 80 फुट के होंगे. कुमार ने कहा, ‘‘उन्हें उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कलाकारों द्वारा तैयार किया जाएगा. इस साल पुतले आकार में बड़े होंगे.'' उन्होंने कहा, ‘‘इस बार यह आयोजन भव्य होगा क्योंकि भारत आजादी के 75 वर्ष पूरे होने का उत्सव मना रहा है और राम मंदिर बन रहा है.'' कुमार ने कहा कि रामलीला से पहले स्वास्थ्य शिविर समेत कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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