उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है.इसके लिए राजनीतिक दलों ने तैयारी शुरू कर दी है. लोकसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से उपचुनाव में मुकाबला कड़ा होने के आसार हैं.लेकिन इन उपचुनावों में सबसे अधिक नजर मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर लगी हुई है.यह सीट यहां के विधायक अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने की वजह से खाली हुई है.अवधेश प्रसाद फैजाबाद से सांसद चुने गए हैं. अयोध्या इसी फैजाबाद सीट में आती है. इसलिए वहां बीजेपी की हार को बहुत बड़ी हार बताया जा रहा है.फैजाबाद में बीजेपी को मिली हार की चर्चा पूरे देश में है.
मिल्कीपुर के लिए बीजेपी की क्या है तैयारी
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को इन उपचुनावों के लिए रणनीति बनाई.इन सभी 10 विधानसभा सीटों की जिम्मेदारी 30 मंत्रियों को दी गई है.इसे योगी आदित्यनाथ की 'सुपर 30' टीम कहा जा रहा है. योगी आदित्यनाथ ने मिल्कीपुर जीतने की जिम्मेदारी अपने चार मंत्रियों को दी है. मिल्कीपुर जीतने की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही और राज्य मंत्रियों मयंकेश्वर शरण सिंह, गिरीश यादव और सतीश शर्मा को दी गई है. मंत्रियों को इस इलाके में हफ्ते में कम से कम दो दिन रात्रि विश्राम करने को कहा गया है.
मुख्यमंत्री योगी इन प्रभारी मंत्रियों से कहा है कि वे उपचुनाव वाले क्षेत्रों में हफ्ते में दो दिन रात्रि विश्राम जरूर करें.इसके साथ ही उन्होंने इन मंत्रियों को सामाजिक समीकरण साधने और सरकार की विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने की जिम्मेदारी दी गई है.इसके अलावा उपचुनाव वाले क्षेत्रों में अधूरे पड़े विकास कार्यों को युद्धस्तर पर पूरा करवाने को कहा गया है.
मिल्कीपुर में सपा और बीजेपी में कितने दावेदार
अवधेश प्रसाद 2022 के विधानसभा चुनाव में फैजाबाद जिले की मिल्कीपुर (सुरक्षित) सीट से जीते थे.उन्होंने बीजेपी के गोरखनाथ को 12 हजार 923 वोटों से हराया था.उपचुनाव में अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत को सपा के टिकट का सबसे तगड़ा दावेदार बताया जा रहा है.उनके उम्मीदवारी की घोषणा सपा के जिलाध्यक्ष पारसनाथ यादव ने अभी कुछ दिन पहले ही की है, हालांकि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को लेकर कोई बयान अभी नहीं आया है.वहीं अवधेश प्रसाद का दावा है कि सपा इस सीट पर ऐतिहासिक मतों से जीत दर्ज करेगी.
वहीं बीजेपी की ओर से पूर्व विधायक और 2022 के चुनाव में प्रत्याशी रहे गोरखनाथ के अलावा भी कई दावेदार हैं. इनमें पूर्व विधायक रामू प्रियदर्शी, नीरज कन्नौजिया और काशीराम रावत जैसे लोगों के नाम सामने आ रहे हैं. गोरखनाथ 2017 के विधानसभा चुनाव में 28 हजार 76 वोटों से जीतकर पहली बार विधायक बने थे.लोकसभा चुनाव में मिल्कीपुर सीट पर बीजेपी के लल्लू सिंह को सपा के अवधेश प्रसाद के मुकाबले सात हजार 733 वोट कम मिले थे.
क्यों कराए जा रहे हैं उपचुनाव
इस लोकसभा चुनाव में नौ विधायकों के सांसद बन जाने और एक विधायक को सजा हो जाने की वजह से ये उपचुनाव कराए जा रहे हैं.सपा के चार विधायकों अखिलेश यादव (करहल), अवधेश प्रसाद (मिल्कीपुर), लालजी वर्मा (कटेहरी) और जियाउर रहमान बर्क (कुंदरकी) की सीटें उनके लोकसभा सदस्य चुने जाने के बाद खाली हुई हैं. वहीं कानपुर की सीसामऊ सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी को एक मामले में सजा हो जाने के बाद से खाली हुई है.
वहीं बीजेपी विधायक अनूप प्रधान वाल्मीकि (खैर), अतुल गर्ग (गाजियाबाद) और प्रवीण पटेल (फूलपुर) के लोकसभा सदस्य चुने जाने से उनकी विधानसभा सीटें खाली हुई हैं. मीरापुर विधानसभा सीट पर बीजेपी की सहयोगी रालोद के विधायक चंदन चौहान और मझवां पर निषाद पार्टी के विधायक डॉक्टर विनोद कुमार बिंद के विधायक चुने जाने की वजह से उपचुनाव कराया जाएगा.
ये भी पढ़ें: NEET पर 'सुप्रीम' सुनवाई: जानिए वकीलों ने क्या दीं दलीलें, जज साहब ने क्या कुछ कहा? 10 बड़ी बातें