'पूर्णिमा की रात को गर्भधारण...', स्कूल के बच्चों से ये क्या बोल गईं MP पुलिस की उपमहानिरीक्षक

पुलिस अधिकारी सविता सोहाने ने बच्चों से कहा कि ‘आप पृथ्वी पर नया बचपन (नई पीढ़ी) लाएंगे. "आप इसे कैसे अंजाम देंगे. इसके लिए आपको योजना बनाने की जरूरत है. पहली बात यह ध्यान रखें कि पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें. सूर्य देवता को जल चढ़ाकर नमस्कार करें, ताकि ‘ओजस्वी’ संतान पैदा हो.”

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
मध्यप्रदेश के पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कैसे ‘ओजस्वी’ बच्चे पैदा किये जा सकते हैं.
शहडोल:

मध्यप्रदेश में एक महिला पुलिस उपमहानिरीक्षक का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को ‘ओजस्वी' बच्चे पैदा करने के लिए क्या करें और क्या न करने की सलाह देती नजर आ रही हैं. वायरल वीडियो में पुलिस अधिकारी, पूर्णिमा की रात को गर्भधारण न करने सहित कई बातें बताते हुए सुनी जा सकती हैं. शहडोल की पुलिस उपमहानिरीक्षक सविता सोहाने ने पिछले वर्ष चार अक्टूबर को यहां एक निजी स्कूल में 10 से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को बालिकाओं की सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम के तहत व्याख्यान दिया था.

'ओजस्वी संतान पैदा हो'

वीडियो में अविवाहित पुलिस अधिकारी को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि ‘आप पृथ्वी पर नया बचपन (नई पीढ़ी) लाएंगे. आप इसे कैसे अंजाम देंगे.' उन्होंने वीडियो में कहा, “इसके लिए आपको योजना बनाने की जरूरत है. पहली बात यह ध्यान रखें कि पूर्णिमा के दिन गर्भधारण न करें. सूर्य देवता को जल चढ़ाकर नमस्कार करें, ताकि ‘ओजस्वी' संतान पैदा हो.”

पेश की अपनी सफाई

टिप्पणी के लिए संपर्क किए जाने पर सविता ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया कि उन्हें धर्मग्रंथ पढ़ना, हिंदू संतों के प्रवचन सुनना और व्याख्यान देना पसंद है. उन्होंने बताया कि वह ‘मैं हूं अभिमन्यु' कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं, जिसका उद्देश्य सुरक्षित वातावरण बनाना और बालिकाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना है.

अधिकारी ने बताया, “हर महीने मैं एक स्कूल में व्याख्यान देती हूं. 31 वर्ष पहले पुलिस सेवा में शामिल होने से पहले, मैं चार वर्ष तक सागर जिले के एक सरकारी इंटर कॉलेज स्कूल में प्राध्यापक थी.” उन्होंने बताया, “मैंने जो कहा, वह आध्यात्मिक आनंद की खोज में मिली जानकारी पर आधारित था.” अधिकारी ने पूर्णिमा की रात गर्भधारण से बचने की सलाह के बारे में बताया कि हिंदू धर्म में इसे पवित्र अवधि माना जाता है.

उन्होंने बताया कि एक घंटे से अधिक समय तक दिये गए व्याख्यान का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हो रहे जघन्य अपराधों के बीच बालिकाओं के प्रति सम्मान की भावना पैदा करना था लेकिन इसका केवल एक हिस्सा ही प्रसारित किया गया और संदर्भ हटा दिया गया.

ये भी पढ़ें-पी रही थी कॉफी और इमर्जेंसी विंडो से गिर गई नीचे, नए ऑफिसों की कांच की दीवारें कितनी सेफ?

Advertisement
Featured Video Of The Day
Delhi Liquor Policy पर CAG Report से घमासाम, AAP-BJP फिर आए आमने सामने