मशहूर चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं चूक रहे. पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस पार्टी की जीत में अहम रोल निभाने वाले प्रशांत ने गुरुवार को एक ट्वीट किया जिसमें मजबूत विपक्ष की अगुवाई को लेकर कांग्रेस की कथित दावेदारी पर सवाल उठाया गया है. प्रशांत ने अपने ट्वीट में लिखा, 'कांग्रेस जिस विचार और जगह का प्रतिनिधित्व करती है वो एक मजबूत विपक्ष के लिए अहम है. लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व एक विशेष व्यक्ति का ही दैवीय हक़ नहीं है ख़ासकर तब जब पार्टी पिछले 10 सालों में अपने 90% चुनाव हार चुकी है. विपक्ष के नेतृत्व का चुनाव लोकतांत्रिक तरीक़े से होने दें.. '
ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशांत किशोर का आशय ममता बनर्जी की ओर से विपक्ष को लामबंद करने के लिए किए जा रहे प्रयासों से है. गौरतलब है कि 2024 के आम चुनावों के लिए बीजेपी के सामने विपक्ष को एकजुट करने के प्रयासों के तहत ममता इस समय सक्रिय हैं. इस सिलसिले में अपनी मुंबई यात्रा में उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना नेताआदित्य ठाकरे व संजय राउत से मुलाकात की है.
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प्रशांत किशोर कुछ समय पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी निशाना साध चुके हैं. उन्होंने कहा था कि BJP अब 'कई दशकों तक' कहीं नहीं जाने वाली है, और राहुल गांधी के साथ समस्या यह है कि उन्हें इसका एहसास ही नहीं है. सोशल मीडिया पर हाल के एक सवाल-जवाब सेशन में प्रशांत किशोर ने कहा कि आने वाले वर्षों में बीजेपी, भारतीय राजनीति के केंद्र में बनी रहेगी चाहे वह जीते या चाहे हारे. ठीक उसी तरह जैसी स्थिति आजादी के बाद शुरुआती 40 वर्षों में कांग्रेस के लिए थी.उन्होंने कहा था कि राहुल सोचते हैं कि बस कुछ वक्त की बात है और लोग उन्हें ( बीजेपी को) उखाड़ फेंकेगे. यह नहीं होने जा रहा है. ' उन्होंने कहा कि जब तक आप मूल्यांकन नहीं करेंगे. आप उनकी (पीएम मोदी) ताकत को समझेंगे नहीं. तब तक उन्हें काउंटर नहीं कर सकते, पराजित नहीं कर सकते.