दिल्ली में प्रियंका गांधी से मिले प्रशांत किशोर? क्या है पूरा सच

Prashant Kishor Priyanka Gandhi Meet: बिहार विधानसभा चुनाव में करारी शिकस्त झेलने के बाद जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर अब क्या कर रहे हैं? इसकी सार्वजनिक तौर पर बहुत कम जानकारी सामने आई है. इस बीच पीके के दिल्ली में प्रियंका गांधी से मिलने की खबर सामने आई है.

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कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और जन सुराज नेता प्रशांत किशोर.
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  • दिल्ली में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और प्रशांत किशोर के बीच 10 जनपथ पर एक महत्वपूर्ण बैठक हुई है.
  • इस गुप्त बैठक के बारे में सार्वजनिक तौर पर बहुत कम जानकारी सामने आई है.
  • लेकिन सूत्रों का दावा है कि दोनों नेता अगली रणनीति पर काम शुरू करने जा रहे हैं.
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नई दिल्ली:

बिहार चुनाव में मनमाफिक प्रदर्शन नहीं कर पाने के बाद जन सुराज के नेता प्रशांत किशोर इन दिनों क्या कर रहे हैं? इसकी सार्वजनिक जानकारी बहुत कम सामने आई है. चुनाव परिणाम के बाद पीके प्रेस कॉफ्रेंस कर अपनी बातें रखी थी, फिर उन्होंने एक दिन का उपवास रखा और कहा कि अब वो फिर से बिहार के गांव-गांव का दौरा करेंगे. हालांकि इसके बाद से पीके लगभग गायब हो गए. इस बीच अब पीके को लेकर एक बड़ी खबर दिल्ली से सामने आई है. जानकारी यह है कि दिल्ली में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) और प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) के बीच अहम मुलाकात हुई है. कहा जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात घंटों चली.

प्रशांत किशोर के गांधी परिवार से रिश्ते पुराने हैं. 2021 में JDU से मोहभंग के बाद प्रशांत किशोर कांग्रेस से जुड़े थे. 2022 में कांग्रेस में जान फूंकने के लिए प्रशांत किशोर ने एक ब्लू प्रिंट भी तैयार किया था. लेकिन वो कांग्रेस में अपने रोल को लेकर मन नहीं बना पाए और यह साथ भी छूट गया. फिर प्रशांत किशोर बिहार चले गए जन सुराज बनाई और बिहार में अपनी जमीन तलाशने लगे.

बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर को नहीं मिली सफलता

पीके ने बिहार चुनाव में सभी सीटों पर लड़ने का फैसला किया, खूब मेहनत भी किया. नए तरह के उम्मीदवार उतारे और राजनीति की नई इबादत लिखने की कोशिश की, मगर सफलता हाथ नहीं लगी. दूसरी तरफ कांग्रेस भी महागठबंधन के साथ रही. राहुल गांधी ने वोट अधिकार यात्रा की, खूब प्रचार हुआ लेकिन नतीजा कुछ और ही निकला.

कांग्रेस का भी बिहार चुनाव में हुआ खस्ता हाल

कांग्रेस बिहार में 61 सीटों पर चुनाव लड़ी, मगर 6 ही जीत पाई. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता तक अपना चुनाव हार गए. अब खबर ये आई कि दिल्ली में प्रशांत किशोर और प्रियंका गांधी की मुलाकात 10 जनपथ पर हुई है. आधिकारिक तौर पर जब इस मुलाकात के बारे में प्रियंका गांधी से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं किससे मिलती हूं, किससे नहीं? इसमें किसी की दिलचस्पी नहीं होनी चाहिए.

संसद में जब पत्रकारों ने प्रियंका गांधी से पीके से मुलाकात को लेकर सवाल पूछा तो उन्होंने कहा ये कोई न्यूज है? देश में इतनी समस्याएं हैं, वायु प्रदूषण पर हम चर्चा की मांग कर रहे हैं और आप इस तरह के सवाल पूछ रहे हैं. 

प्रियंका गांधी ने आगे कहा- आप ये सवाल क्यों नहीं पूछते कि मौजूदा मंत्री संसद की कार्यवाही में बाधा बन रहे हैं. आप इसको लेकर सवाल नहीं पूछेंगे कि संसद के अंदर क्या हो रहा है?
 

पीके से मुलाकात के सवाल पर प्रियंका ने इनकार नहीं किया 

कहने का मतलब है कि प्रियंका यदि चाहती तो इस मुलाकात की बात को सिरे से खारिज भी कर सकती थी. मगर उन्होंने ऐसा नहीं कहा. उधर प्रशांत किशोर से संपर्क किया गया तो उनसे करीबी सूत्रों ने बताया कि बिहार चुनाव के बाद प्रशांत किशोर बिहार से बाहर गए ही नहीं तो मीटिंग का सवाल ही नहीं उठता.

प्रशांत किशोर की टीम ने क्या बताया

पीके की टीम का कहना है कि कही से किसी ने एक खबर चलाई बाकियों ने अटकलें लगानी शुरू कर दी. संसद से निकलते वक्त प्रियंका गांधी से जब दुबारा पूछा गया कि क्या उनकी प्रशांत किशोर से मुलाकात हुई है तो उन्होंने मना नहीं किया मगर ये कहा कि ये भी कोई खबर है. यानि दाल में कुछ काला है, जिसे प्रियंका और प्रशांत किशोर खुल कर मना नहीं कर रहे हैं. 

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सूत्रों का दावा- पीके और प्रियंका गांधी की मुलाकात हुई

हालांकि हमारे सूत्र बताते हैं कि मुलाकात हुई है और आगे के राजनीतिक संभावनाओं पर बातचीत हुई है. फिर ये सवाल है कि पीके जो अभी तक रणनीतिकार हुआ करते थे, परदे के पीछे रहते थे, उन्होंने परदे के आगे आकर भी देख लिया और असफल रहे. बिहार में एक भी सीट नहीं जीत पाए और बहुत जगह जमानत भी नहीं बची.

किसी रणनीति पर काम शुरू करने की अटकलें

कांग्रेस की भी बिहार में हालत बहुत खराब रही 19 सीट से 6 पर आ गए, ऐसे में लगता है कि दोनों ने मिलकर जरूर कोई रणनीति पर काम करना शुरू किया है. जिसका खुलासा आने वाले दिनों में होगा. पीके की कंपनी राजनैतिक दलों को सेवाएं देती है, उसमें काफी सफल रही है. मगर उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी और अखिलेश यादव को साथ लाकर भी वो कुछ नहीं कर पाए. वहीं बिहार में खुद सफल नहीं रहे. देखते हैं प्रियंका और प्रशांत की यह बैठक आगे आने वाले दिनों में क्या गुल खिलाएगी?

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