देश भर के बिजली संयंत्रों में कोयला आपूर्ति (Coal supply) में कमी से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कवायद तेज कर दी है. सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) कोयला आपूर्ति की स्थिति को लेकर मंगलवार को एक समीक्षा भी करने वाला है. देश के कई शहरों में ब्लैक आउट की बढ़ती चिंताओं के बीच यह कदम उठाया गया है. इसके पहले ऊर्जा मंत्री आरके सिंह मंत्रालय के अफसरों और निजी कंपनियों के साथ बैठक कर चुके हैं. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने साफ कहा था कि देश में कोई बिजली संकट (Power Crisis) नहीं है और न ही होने दिया जाएगा. कोयले के स्टॉक पर आरके सिंह ने कहा था कि उनकी कोयला मंत्री प्रह्ललाद जोशी से बात हुई है और कोयला आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं.
दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, ओडिशा और आंध्र प्रदेश समेत तमाम राज्य उनके राज्य के बिजली संयंत्रों में कोयले की कमी की शिकायत कर चुके हैं. इन राज्यों ने कोल इंडिया लिमिटेड से कोयला आपूर्ति बढ़ाने का आग्रह भी किया है. महाराष्ट्र में भी कोयले की कमी से बिजली संकट पैदा हो गया है. राज्य के 7 थर्मल पावर प्लांट की 13 यूनिटों में बिजली उत्पादन ठप हो गया है. चंद्रपुर, भुसावल और नासिक के बिजली संयंत्रों में उत्पादन प्रभावित हुआ है.
हालांकि दिल्ली सरकार के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि राजधानी में बिजली संकट बरकरार है. जैन ने कहा था कि अगर कोयला आपूर्ति बढ़ाने के साथ विद्युत संयंत्रों से उत्पादन नहीं बढ़ाया गया तो दिल्ली में बिजली ठप (ब्लैक आउट) की स्थिति आ सकती है. दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई गई थी कि एनटीपीसी से उसे बिजली आपूर्ति बढ़ाई जाए.दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि देश के कई राज्यों में बिजली संकट की स्थिति गंभीर है.
हालांकि दिल्ली सरकार के आरोपों को खारिज करते हुए ऊर्जा मंत्रालय ने एक फैक्ट शीट ट्विटरपर पोस्ट की है. इसमें दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों के हवाले से कहा गया है कि बिजली की कमी से कहीं भी कटौती की स्थिति नहीं है, क्योंकि आवश्यकता के अनुरूप विद्युत आपूर्ति उन्हें की गई है.