विपक्षी ‘इंडिया' गठबंधन के नेताओं ने रविवार को निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि चार जून को ‘इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन' (ईवीएम) के नतीजों से पहले डाक मत पत्रों की गिनती कर उनके परिणाम घोषित किये जाएं. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि निर्वाचन आयोग को मतगणना प्रक्रिया पर स्पष्ट दिशानिर्देश जारी करना चाहिए और उनका क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए.
लोकसभा चुनाव की मंगलवार को होने वाली मतगणना से पहले, ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेन्टल इनक्लूसिव अलायंस' (इंडिया) के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को निर्वाचन आयोग की पूर्ण पीठ से मुलाकात की. मुलाकात के बाद, कांग्रेस नेता अभिषेक सिंघवी ने संवाददाताओं से कहा कि यह तीसरा मौका है जब विपक्षी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने आम चुनाव के दौरान निर्वाचन आयोग का दौरा किया.
सिंघवी ने बताया कि प्रतिनिधमंडल ने अन्य चीजों सहित अधिकारियों से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि ईवीएम के नतीजे घोषित किये जाने से पहले डाक मत पत्रों की गिनती हो और उनके परिणाम घोषित किये जाए.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘इस (चुनावी) प्रक्रिया के दौरान निर्वाचन आयोग का दौरा करने वाला यह तीसरा बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल है... हमने दो-तीन बड़े मुद्दों पर आयोग के साथ चर्चा की. इनमें, सर्वाधिक महत्वपूर्ण है - डाक मत पत्रों की गिनती और उनके परिणाम पहले घोषित करना. यह एक बहुत स्पष्ट सांविधिक नियम है, जो यह प्रावधान करता है कि आपको पहले डाक मत पत्रों की गिनती करनी चाहिए.''
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी यह शिकायत है कि इस दिशानिर्देश को दरकिनार कर दिया गया है. उन्होंने इस परंपरा को तोड़ दिया है.'' आयोग को सौंपे गए एक पत्र में नेताओं ने कहा कि लोकसभा चुनाव में डाक मत पत्रों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है क्योंकि वरिष्ठ नागरिकों (85 वर्ष और इससे अधिक आयु के) और दिव्यांगजनों को इस प्रक्रिया के जरिये मतदान करने की अनुमति दी गई थी.
उन्होंने विभिन्न नियमों एवं दिशानिर्देशों का हवाला दिया, जिनमें निर्वाचनों का संचालन नियम,1961 और रिटर्निंग अधिकारियों एवं मतगणना एजेंटों के लिए पुस्तिका (अगस्त 2023) शामिल हैं जिनमें कहा गया है कि डाक मत पत्रों की गिनती पहले की जाएगी.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) प्रमुख शरद पवार, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) महासचिव सीताराम येचुरी सहित 13 विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर वाले दूसरे पत्र में कहा गया है कि हालांकि राजनीतिक दलों ने अपने मतगणना एजेंटों को प्रशिक्षित करने के लिए काफी प्रयास किये हैं, फिर भी मतगणना अधिकारी अक्सर मतगणना प्रक्रिया के सभी पहलुओं को समझ पाने में नाकाम हो जाते हैं.
येचुरी ने विपक्ष की मांगों के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि नेताओं ने निर्वाचन आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि उसके खुद के दिशानिर्देशों को लागू किया जाए, जिनमें ईवीएम की ‘कंट्रोल यूनिट' को सीसीटीवी निगरानी वाले कॉरीडोर से होकर ले जाना और ‘कंट्रोल यूनिट' की मौजूदा तारीख एवं समय ‘डिस्प्ले' का सत्यापन सुनिश्चित करना शामिल हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘यह सत्यापन महत्वपूर्ण है, क्योंकि जब तक ऐसा नहीं किया जाता, इसकी कोई प्रामाणिकता नहीं है कि यह वही कंट्रोल यूनिट है जो मतदान केंद्र से आई थी और उसे बदला नहीं गया है.''
माकपा नेता ने यह भी कहा कि ‘कंट्रोल यूनिट' पर मतदान प्रक्रिया के प्रारंभ होने और समाप्ति का समय तथा तारीख की जांच करनी चाहिए. उन्होंने कहा, ‘‘ईवीएम को सील करने के समय उस पर लगाई जाने वाली पर्ची एवं टैग को सत्यापन के लिए सभी मतगणना एजेंट को दिखाया जाना चाहिए. नतीजों के लिए बटन दबाने के बाद, मतदान की तारीख की फिर से पुष्टि नहीं हो- सुनिश्चित किया जाए.''
अपने पत्र में, विपक्षी नेताओं ने कहा है कि पूर्व के चुनावों के उनके मतगणना एजेंटों से मिली प्रतिक्रिया से संकेत मिलता है कि ये पर्चियां और टैग उन्हें नहीं दिखाये गए और जब उन्होंने इसे दिखाने का आग्रह किया था, मतगणना कर्मी ने ऐसा कोई लिखित नियम या परिपत्र देने को कहा, जिसमें यह कहा गया हो कि ये विवरण उन्हें अवश्य दिखाये जाने चाहिए.
दूसरे पत्र में, डाक मत पत्रों की पहले गिनती करने पर भी जोर दिया गया है. खरगे, पवार और येचुरी के अलावा इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) के टीआर बालू, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव और नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) प्रमुख फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं.
इससे पहले दिन में, कांग्रेस नेता अजय माकन ने ‘एक्स' पर आरोप लगाया कि चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) की मेज पर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही, जिसका निर्वाचन आयोग ने फौरन खंडन किया.
वहीं, दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘यह स्पष्ट किया जाता है कि उम्मीदवारों के मतगणना एजेंटों को रिटर्निंग अधिकारी/एआरओ की मेज पर जाने की अनुमति दी गई है.''
शनिवार को, ‘इंडिया' गठबंधन के नेताओं ने मतगणना के दिन (चार जून) के लिए अपनी रणनीति पर चर्चा के वास्ते यहां बैठक की थी, हालांकि तृणमूल कांग्रेस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) इससे दूर रही थी.
बैठक की अध्यक्षता करने वाले कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा था कि वे कुछ खास मुद्दों पर चर्चा करने के लिए रविवार को निर्वाचन आयोग के अधिकारियों से मिलेंगे.
विपक्षी दलों ने अपने-अपने एजेंट से मंगलवार को मतगणना प्रक्रिया पर करीबी नजर रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि फॉर्म 17सी उनके साथ साझा किया जाए. फॉर्म 17सी में प्रत्येक मतदान केंद्र पर पड़े मतों की संख्या दर्ज रहती है. लोकसभा चुनाव के सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान शनिवार को संपन्न हो गया.