पोंगल 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की भावना को प्रतिबिंबित करता है : पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एकता की यही भावना 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिये सबसे बड़ी ताकत है. मैंने लाल किले से जिस पंच प्रण का आह्वान किया था, उसका मुख्य तत्व देश की एकता को ऊर्जा देना और एकता को मजबूत करना है.’’

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
चेन्नई/दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि पोंगल ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत' की राष्ट्रीय भावना को प्रतिबिंबित करता है और यही भावनात्मक जुड़ाव काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् में भी देखने को मिला.

केंद्रीय मंत्री एल.मुरुगन के राष्ट्रीय राजधानी स्थित आवास पर आयोजित पोंगल समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि तमिलनाडु के हर घर में उत्सव का उत्साह देखा जा रहा और सभी लोगों के जीवन में खुशी, समृद्धि और संतुष्टि की कामना की.

प्रधानमंत्री ने ‘कोलम' (रंगोली) के साथ भारत की विविधता की समानता बताते हुए कहा कि जब देश का हर कोना एक-दूसरे के साथ भावनात्मक रूप से जुड़ता है, तो देश की ताकत एक नए रूप में दिखाई देती है.

पीएम मोदी ने कहा, ‘‘पोंगल का त्योहार एक भारत श्रेष्ठ भारत की राष्ट्रीय भावना को दर्शाता है.'' उन्होंने कहा कि यह भी कहा कि काशी-तमिल संगमम् और सौराष्ट्र-तमिल संगमम् द्वारा शुरू की गई परंपरा में यही भावना देखी गई, जिसमें बड़ी संख्या में तमिल समुदाय के लोगों की उत्साही भागीदारी दर्ज की गई.

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘एकता की यही भावना 2047 तक विकसित भारत के निर्माण के लिये सबसे बड़ी ताकत है. मैंने लाल किले से जिस पंच प्रण का आह्वान किया था, उसका मुख्य तत्व देश की एकता को ऊर्जा देना और एकता को मजबूत करना है.''

प्रधानमंत्री ने संत कवि तिरुवल्लूर का उद्धृत करते हुए राष्ट्र निर्माण में शिक्षित नागरिकों, ईमानदार कारोबारियों और अच्छी फसल के महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि पोंगल के दौरान नयी फसल को भगवान को समर्पित किया जाता है और इस उत्सव के केंद्र में ‘अन्नदाता किसान' होते हैं. उन्होंने भारत के हर त्योहार के गांव, फसल और किसान से संबंध को रेखांकित किया.

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मोटे अनाज और तमिल परंपराओं के बीच संबंध पर आधारित अपने एक भाषण को याद करते हुए, उन्होंने खुशी व्यक्त की कि ‘सुपरफूड श्री अन्न' (मोटे अनाज) के बारे में एक ‘नई जागरूकता' आई है और कई युवाओं ने मोटे अनाज पर स्टार्टअप उद्यम शुरू किया है.

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि मोटे अनाज की खेती करने वाले तीन करोड़ से अधिक किसान इसे (मोटे अनाज को)प्रोत्साहन देने से सीधे तौर पर लाभान्वित हो रहे हैं.

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उन्होंने पोंगल के अवसर पर राष्ट्र की एकता को मजबूत करने के संकल्प के लिए ‘खुद को नए सिरे से समर्पित करने' के आह्वान के साथ अपने संबोधन का समापन किया.

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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