- दिवाली के बाद शिलॉन्ग में देशभर से सबसे साफ हवा दर्ज की गई, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स केवल सत्रह था
- शिलांग की हवा साफ रहने के पीछे यहां की भूगोलिक स्थिति, घने जंगल और सीमित औद्योगिक गतिविधियां मुख्य कारण हैं
- शिलांग में हवा लगातार चलती रहती है, जिससे प्रदूषक तत्व जमा नहीं होते हैं
दिवाली के बाद जब देश के ज्यादातर शहर धुएं और स्मॉग की चादर में लिपट गए, तब मेघालय की राजधानी शिलांग ने राहत की सांस दी है. मंगलवार को देशभर में सबसे साफ हवा शिलांग में दर्ज की गई, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) सिर्फ 17 है यानी ‘बेहद अच्छी श्रेणी'. जहां दिल्ली, नोएडा जैसे बड़े शहरों में AQI 400 से ऊपर पहुंच गया, वहीं शिलांग देश का ‘फ्रेश एयर कैपिटल' बनकर उभरा है.
क्यों सबसे साफ है शिलांग की हवा?
विशेषज्ञ बताते हैं कि शिलांग की भूगोलिक स्थिति, घने जंगल और सीमित औद्योगिक गतिविधियां यहां की हवा को साफ रखने में बड़ी भूमिका निभाते हैं. ऊंचाई पर बसे इस शहर में हवा लगातार चलती रहती है, जिससे प्रदूषक तत्व रुक नहीं पाते. स्थानीय स्तर पर लोग बायोडिग्रेडेबल कचरे का इस्तेमाल करते हैं, और प्लास्टिक के उपयोग पर सख्ती है.
शिलॉन्ग के बाद तिरुमला की हवा सबसे साफ
मेघालय के शिलॉन्ग के बाद आंध्रप्रदेश की तिरुमला की हवा सबसे साफ है. तिरुमला में AQI का स्तर 21 मंगलवार की सुबह दर्ज किया गया.
दिल्ली में दिवाली की रात जमकर हुई आतिशबाज़ी
दूसरी ओर, दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की रात जमकर हुई आतिशबाज़ी ने हवा की सेहत बिगाड़ दी. आनंद विहार, वजीरपुर और द्वारका में AQI क्रमशः 453, 423 और 417 तक पहुंच गया. नोएडा में यह 350 पार रहा, जबकि देहरादून और नैनीताल जैसे हिल स्टेशन भी बच नहीं पाए उनका AQI क्रमशः 218 और 164 रहा.
जहां एक ओर देश के कई हिस्सों में लोग मास्क और एयर प्यूरीफायर पर निर्भर हैं, वहीं शिलांग के लोग अब भी खुले आसमान में बिना डर सांस ले पा रहे हैं.