महाराष्ट्र में दही हांडी को लेकर राजनीति तेज़, सरकार ने की नहीं मनाने की अपील, बीजेपी मनाने पर अड़ी

मुंबई के प्रसिद्ध जय जवान दही हांडी मंडल के साथ सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं जो शहर के अलग अलग कोनों में रहते हैं. अधिकांश गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं और काम करने के बाद कुछ इस तरह से यह दही हांडी से ओहले उसकी प्रैक्टिस करते हैं.

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प्रतीकात्मक तस्वीर.
मुंबई:

महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) ने जहां कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों को देखते हुए दही हांडी का त्योहार नहीं मनाने का निर्णय लिया है तो वहीं विपक्ष में बैठी बीजेपी इस फैसले का विरोध कर रही है. इस बीच दही हांडी मंडल के लोगों का कहना है कि जब सरकार खुद नियमों का पालन नहीं करती है, तो वो उन्हें करने के लिए कैसे कह सकती है. मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में रात 9 बजे के बाद लोग दही हांडी की प्रैक्टिस करते हैं. मुंबई के प्रसिद्ध जय जवान दही हांडी मंडल के साथ सैकड़ों लोग जुड़े हुए हैं जो शहर के अलग अलग कोनों में रहते हैं. अधिकांश गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार से आते हैं और काम करने के बाद कुछ इस तरह से यह दही हांडी से ओहले उसकी प्रैक्टिस करते हैं. जय जवान का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है. दही हांडी के इनाम राशि से मिलने वाले पैसों से यह अपने संगठन के कुछ लोगों की पढ़ाई में मदद के साथ ही सामाजिक मदद भी करते थे, लेकिन दो सालों से यह नहीं हो पा रहा है.

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जय जवान गोविंदा पथक के समन्वयक विजय निकम कहते हैं, 'हांडी होने के बाद जितना धन राशि आता है, उसका इस्तेमाल हम पढ़ाई, खेल, culture और social activity पर काम करते हैं. छोटे बच्चों की पढ़ाई का खर्च, इलाके में मुफ्त नोटबुक भी बांटते हैं. पहले यह हो जाता था, लेकिन अब यह नहीं हो पाता है.' पिछले दो सालों से दही हांडी के त्योहार को कोरोना के चलते नहीं मनाया जा रहा है. लेकिन इन लोगों का कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचने के लिए ज़रूरी कई कदम यह उठा रहे हैं. साथ ही हाल ही में शिवसेना की ओर से नारायण राणे के घर के बाहर हुए प्रदर्शन का ज़िक्र करते हुए इनका कहना है कि क्या सरकार खुद नियमों का पालन कर रही है?

जय जवान गोविंद पथक के सदस्य डेविड फेर्नांडेज़ कहते हैं, 'जो प्लेयर पहले आता है उनका तापमान देखा जाता है, मास्क दिया जाता है, सैनिटाइज किया जाता है. यह लोग रैली कर सकते हैं, बाकी उद्घाटन चलता है. लेकिन दही हांडी को लेकर क्यों यह नियम बनाए हैं.' राज्य में अब यह मुद्दा राजनैतिक भी हो चुका है. सरकार ने जहां लोगों से इस त्योहार को नहीं मनाने के लिए कहा है, तो वहीं बीजेपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का कहना है कि वो इस त्योहार को मनाएंगे.

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बीजेपी विधायक राम कदम कहते हैं, 'हिन्दू विरोधी कोई भी फैसला हम महाराष्ट्र सरकार का नहीं सुनेंगे, इस उत्सव को हम मनाएंगे, सरकार अगर नियम लाती है तो उसका पालन कर इसे मनाएंगे.' सरकार का कहना है कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते दही हांडी के त्योहार को नहीं मनाया जाना चाहिए, यह बात सही भी है. लेकिन जब सरकार में शामिल लोग राजनैतिक रैली करेंगे, किसी दूसरे नेता के घर के बाहर भीड़ इकट्ठा कर प्रदर्शन करेंगे, खुद नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो फिर आखिर उनकी इन बातों को जनता गंभीरता से कैसे लगी. और ऐसे में ज़रूरत है कि सरकार पहले नियमों का पालन खुद करे और दूसरों के लिए एक मिसाल कायम करे.
 

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