HAL यूनिट के आंध्र प्रदेश शिफ्ट होने की खबर पर सियासी बवाल, डी.के. शिवकुमार ने कहा- एचएएल हमारा गौरव

आंध्र प्रदेश सरकार का कहना है कि वो HAL की किसी मौजूदा सुविधा को स्थानांतरित करने के लिए नहीं कह रही है, बल्कि इसके विस्तार की बात कर रही है. आपको बता दें कि HAL लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस परियोजना में देरी का सामना कर रही है.

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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड की उत्पादन इकाइयों को अपने राज्य में भी स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है जिसे लेकर कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के बीच खींचतान शुरू हो गई है. कर्नाटक सरकार को लग रहा है कि HAL का मैन्युफैक्चरिंग बेस राज्य के एयरोस्पेस सेक्टर से जुड़ा हुआ है जिसे कहीं और नहीं ले जाया जा सकता.

वहीं, आंध्र प्रदेश सरकार का कहना है कि वो HAL की किसी मौजूदा सुविधा को स्थानांतरित करने के लिए नहीं कह रही है, बल्कि इसके विस्तार की बात कर रही है. आपको बता दें कि HAL लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस परियोजना में देरी का सामना कर रही है.

आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एयरोस्पेस परियोजनाओं के लिए अनंतपुर में 10,000 एकड़ भूमि का प्रस्ताव रखा. लेकिन HAL का विशेष रूप से उल्लेख नहीं किया. कर्नाटक के मंत्रियों ने किसी भी स्थानांतरण का विरोध करने की कसम खाई, उन्होंने कहा कि 'HAL हमारा गौरव है'. इसने दोनों राज्यों के बीच राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है.

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को आंध्र प्रदेश में स्थानांतरित करने के किसी भी प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया. शिवकुमार ने एचएएल की मौजूदगी के प्रति कर्नाटक की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा, "एचएएल हमारा गौरव है. हमने तुमकुर और बेंगलुरु में विस्तार के लिए जमीन मुहैया कराई है. अगर वे विस्तार करना चाहते हैं, तो हम यहां उसका समर्थन करने के लिए तैयार हैं."

कर्नाटक का मानना है कि बेंगलुरु भारत के एरोस्पेस सेक्टर का उद्गम है. वहीं, आंध्र सरकार कह रही है कि इतनी जमीन ऑफर करना कर्नाटक के लिए मुश्किल. कर्नाटक सरकार का कहना है कि राज्य की संपत्ति की हिफाजत के लिए कुछ भी करेंगे जबकि आंध्र कह रहा है कि कर्नाटक के मंत्री ने भी कहा है कि नई यूनिट के लिए चंद्रबाबू नायडू का दावा गलत नहीं है.

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