कांग्रेस महासचिव और सांसद जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने बीजेपी (BJP) और यूपी पुलिस (UP Police) पर जमकर हमला बोला है. जयराम रमेश ने कहा कि यूपी पुलिस ने एक आरोपी को बचाने के लिए जांच में जानबूझकर दखल दिया है. साथ ही उन्होंने गंभीर अपराधों के आरोपी एक शख्स को बचाने के लिए बिना किसी कारण या स्पष्टीकरण के राज्य मशीनरी को तैनात करने का आरोप लगाया है. जयराम रमेश ने सवाल उठाया कि ऐसा क्या है जो उनके राजनीतिक आकाओं को जांच के दौरान बेनकाब होने का डर सता रहा है? बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के एक भ्रामक वीडियो चलाने को लेकर छत्तीसगढ़ की पुलिस एंकर को गिरफ्तार करने के लिए पहुंची थी, जिसके बाद छत्तीसगढ़ और यूपी पुलिस के बीच जोरदार बहस और धक्कामुक्की होती नजर आई है.
जयराम रमेश ने कहा कि सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध तथ्यों के साथ किए गए एक आवेदन पर अदालत ने गिरफ्तारी वारंट जारी किया था. क्या भाजपा यह दावा कर सकती है कि न्यायालयों का भी राजनीतिकरण किया जाता है? अगर ऐसा है और बीजेपी आरोपियों को बचाने के लिए इतनी उत्सुक है तो अदालतों का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाती?
यह यूपी पुलिस और उनके राजनीतिक आकाओं द्वारा कोर्ट के वारंट की जानबूझकर अवमानना का मामला है. यह दूसरी बार है जब हमने ऐसा होते देख रहे हैं. अपराधियों को जांच से बचाने के लिए भाजपा बार-बार पुलिस बल तैनात कर रही है. ये कौन सा गठजोड़ है जिसका पर्दाफाश होने से बीजेपी डर रही है? बीजेपी क्यों नहीं चाहती कि फेक न्यूज और झूठी रिपोर्टिंग के पैरोकारों को जिम्मेदार ठहराया जाए, जो अशांति का कारण बन सकते हैं?
उन्होंने कहा कि भाजपा के लिए गंभीर अपराधों के आरोपी व्यक्ति की सेवा में हमारी संस्थाओं को अधीन करना यह साबित करता है कि उनके लिए राष्ट्रीय हित राजनीतिक हितों के सामने गौण है.
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