दिल्ली : भाजपा नेता की हत्या के मामले में दो नाबालिगों सहित छह लोगों को पकड़ा

डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार चार संदिग्धों के बारे में पता लगाया, जो घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद थे. इनमें से दो ने मटियाला पर गोलियां चलाईं.

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भाजपा नेता सुरेंद्र मटियाला की 14 अप्रैल को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. (फाइल)
नई दिल्‍ली :

भाजपा की दिल्ली इकाई के किसान मोर्चा के नेता सुरेंद्र मटियाला की द्वारका के बिंदापुर इलाके में हत्या के संबंध में दो नाबालिग समेत छह लोगों को पकड़ा गया है. पुलिस ने शनिवार को यह जानकारी दी. पुलिस के अनुसार, चंडीगढ़ से गिरफ्तार किए गए दो हमलावरों में से एक कपिल सांगवान गिरोह से जुड़ा था. मटियाला की हत्या सांगवान द्वारा क्षेत्र में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने और अपने घटते दबदबे को कायम करने के लिए हताशा में उठाया गया कदम प्रतीत होता है. सांगवान के विदेश में होने की संभावना है. 

पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान हरियाणा के बहादुरगढ़ निवासी सचिन (25), दिल्ली की पालम कॉलोनी निवासी अरुण चंद (19) और दीपक बेरवा (19), हरियाणा के झज्जर निवासी योगेश कुमार (30) के रूप में हुई है. दो लड़के 16 से 17 साल की उम्र के हैं. 

पुलिस उपायुक्त (द्वारका) एम हर्षवर्धन ने बताया कि योगेश उन दो हमलावरों में से एक है, जिन्होंने मटियाला की हत्या की थी. योगेश को बृहस्पतिवार और शुक्रवार की दरमियानी रात चंडीगढ़ से गिरफ्तार किया गया. 

मटियाला की 14 अप्रैल को बिंदापुर इलाके में उनके कार्यालय में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. 

डीसीपी ने बताया कि जांच के दौरान पुलिस ने मोटरसाइकिल सवार चार संदिग्धों के बारे में पता लगाया, जो घटना के समय घटनास्थल पर मौजूद थे. इनमें से दो ने मटियाला पर गोलियां चलाईं.  उन्होंने बताया कि दो में से एक मोटरसाइकिल द्वारका से चोरी हुई थी, जिस दिन मटियाला की हत्या हुई थी.

डीसीपी हर्षवर्धन ने कहा कि फरार अपराधी कपिल सांगवान इस हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता है. डीसीपी ने कहा कि सांगवान और झज्जर निवासी रोहित ने इस हत्या की साजिश रची थी. उन्होंने कहा कि रोहित ने अपने भाई सोहित, कुमार और अन्य को साजिश में शामिल किया तथा इसमें राजस्थान के दो अपराधियों को भी शामिल किया. 

पुलिस ने कहा कि हत्या की जिम्मेदारी लेने का दावा करते हुए कपिल सांगवान के नाम से इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ था, और आरोप लगाया गया कि एक प्रतिद्वंद्वी समूह के साथ मटियाला के संबंध थे. पुलिस ने यह भी कहा कि अकाउंट को बनाने के अगले दिन उसे निष्क्रिय कर दिया गया. 

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पुलिस ने कहा कि हालांकि, यह पता नहीं चल सका है कि क्या सांगवान ही अकाउंट का इस्तेमाल कर रहा था और उसने पोस्ट की थी. अधिकारियों ने कहा कि दोनों दावों की पुष्टि नहीं हो पाई है और मटियाला को कभी भी जबरन वसूली का फोन नहीं आया था. 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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