छत्तीसगढ़ में पुलिस कर्मियों के परिवारों की मांगों को लेकर कई विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर चुके पुलिस आरक्षक उज्ज्वल दीवान ने राजनीतिक दल का गठन कर आगामी विधानसभा चुनाव में राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. धमतरी जिले में आरक्षक पद पर तैनात उज्ज्वल दीवान ने राजनीतिक दल का गठन कर चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है. दीवान ने कहा कि निलंबित, निष्कासित और सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी उनके राजनीतिक दल में शामिल हो गए हैं तथा नौकरी छोड़ने के बाद कई अन्य पुलिसकर्मी शामिल होंगे.
दीवान ने बताया कि नए राजनीतिक दल के पंजीकरण में आने वाली परेशानी को देखते हुए उन्होंने पहले से पंजीकृत पार्टी 'आजाद जनता पार्टी'(एजेपी) को संभालने का फैसला किया है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2018 से पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए लड़ रहा हूं. मेरे खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए और मुझे जेल भी जाना पड़ा. अब मुझे किसी भी राजनीतिक दल में विश्वास नहीं है, इसलिए हमने अपनी पार्टी बनाने और चुनाव लड़ने का फैसला किया. हमारा उद्देश्य राज्य में हर पीड़ित व्यक्ति को न्याय दिलाना है.''
दीवान ने कहा कि उन्होंने 2021 में अपना इस्तीफा दे दिया था लेकिन अभी तक पुलिस अधीक्षक ने इसे स्वीकार नहीं किया है. उन्होंने कहा कि उनका इस्तीफा स्वीकार होने के बाद ही वह चुनाव लड़ सकते हैं. दीवान ने निलंबित पुलिस आरक्षक संजीव मिश्रा को पार्टी का प्रदेश प्रवक्ता नियुक्त किया है. मिश्रा ने बताया कि उन्होंने एक नई पार्टी के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसके नाम पर कुछ आपत्ति थी. मिश्रा ने कहा कि इसलिए उन्होंने एजेपी को संभालने का फैसला किया. उन्होंने कहा कि वे आगामी विधानसभा चुनावों में सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारेंगे.
मिश्रा ने कहा कि उन्हें पिछले साल निलंबित कर दिया गया था और उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया था. इस्तीफा अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है. उज्ज्वल दीवान ने बताया कि वे ‘क्राउडफंडिंग' (चंदा) का इस्तेमाल पार्टी और उसके कामकाज के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए करेंगे. उन्होंने दावा किया कि उनके जैसे पीड़ित पुलिस कर्मी, जिन्हें एकतरफा सेवा से निष्कासित कर दिया गया है या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है, वे सभी उनकी पार्टी में शामिल हो गए हैं.
दीवान ने दावा किया कि उन्हें पुलिस कर्मियों के 80 हजार से अधिक परिवारों और 4.50 लाख संविदा कर्मचारियों का समर्थन प्राप्त है.गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में पुलिसकर्मियों के परिवारों ने उच्च वेतन, साप्ताहिक अवकाश और सभी जवानों के लिए सरकारी आवास आदि की मांग को लेकर पिछले पांच वर्षों में कई बार विरोध प्रदर्शन किया है.
ये भी पढ़ें : बिपरजॉय के अवशेष पूर्वी भारत में मॉनसून को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं: मौसम विज्ञानी
ये भी पढ़ें : सिनेमाघरों में 'आदिपुरुष' के प्रदर्शन के दौरान भगवान हनुमान के लिए एक 'सीट आरक्षित'
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)