PM की सुरक्षा में चूक : केंद्र-पंजाब को जांच रोकने का आदेश, SC की उच्चस्तरीय समिति करेगी तफ्तीश

पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे.

विज्ञापन
Read Time: 27 mins
नई दिल्ली:

पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक की हाई लेवल जांच होगी. सुप्रीम कोर्ट सुरक्षा खामियों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति गठित करेगा. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में जल्द ही आदेश जारी करेंगे. साथ ही कोर्ट ने केंद्र और पंजाब दोनों को अपने-अपने पैनल द्वारा जांच पर रोक लगाने के लिए कहा. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं.

CJI एम वी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से पूछा कि अगर केंद्र पहले से कारण नोटिस में सब कुछ मान रहे हैं तो कोर्ट में आने का क्या मतलब है? आपका कारण बताओ नोटिस पूरी तरह से विरोधाभासी है. समिति गठित करके आप पूछताछ करना चाहते हैं कि क्या SPG अधिनियम का उल्लंघन हुआ है? फिर आप राज्य के मुख्य सचिव और डीजी को दोषी मानते हैं. किसने उन्हें दोषी ठहराया? उन्हें किसने सुना?

PM मोदी की सुरक्षा : सवाल चूक का है, पंजाब और यूपी का नहीं है?

आपका नोटिस अपने आप में विरोधाभासी - कोर्ट
कोर्ट ने कहा, जब आपने नोटिस जारी किया तो यह हमारे आदेश से पहले था. उसके बाद हमने अपना आदेश पारित किया. आप उनसे 24 घंटे में जवाब देने के लिए कह रहे हैं, यह आपसे अपेक्षित नहीं है. आप तो पूरा मन बना कर आए हैं. आपकी दलीलें बताती हैं कि आप सब कुछ पहले ही तय कर चुके हैं. तो फिर यहां इस कोर्ट में क्यों आए हैं? आपका नोटिस अपने आप में विरोधाभासी है. क्योंकि हमने सबको मना किया था किसी भी तरह का एक्शन लेने से. एक ओर SSP को नोटिस भेज रहे हैं और यहां उनको दोषी भी बता रहे हैं. ये क्या है? जांच के बाद हो सकता है आपकी बातें सच हों. लेकिन अभी आप यह सब कैसे कह सकते हैं? जब आप अनुशासनात्मक और दंडात्मक कार्रवाई की शुरुआत कर चुके हैं तो अब केंद्र सरकार हमसे कैसा आदेश चाहती है?

Advertisement

'ये पंजाबियत को बदनाम करने की साजिश', पीएम मोदी की सुरक्षा में चूक के आरोपों पर बोले चन्नी

स्वतंत्र समिति बने- पंजाब सरकार
वहीं, पंजाब सरकार का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से उन्हें निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिला है. साथ ही कहा कि अगर अफसर दोषी निकलते हैं तो उन्हें टांग दिया जाए. पंजाब सरकार के वकील डीएस पटवालिया ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे. हम उस कमेटी में सहयोग करेंगे लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप ना लगाया जाएं.

Advertisement

पंजाब सरकार ने कहा कि राज्य के अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी कर कहा गया है कि उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की जाए. याचिकाकर्ता ने हमारी समिति पर सवाल उठाए थे लेकिन हमें केंद्रीय एजेंसी के समक्ष निष्पक्ष सुनवाई भी नहीं मिलेगी. SSP को 7 कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए. सुनवाई का मौका नहीं दिया. हमें केंद्र सरकार की समिति से न्याय नहीं मिलेगा. केंद्र सरकार द्वारा निष्पक्ष सुनवाई नहीं होगी. कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें, और हमें निष्पक्ष सुनवाई का मौका दें. 

Advertisement

PM की सुरक्षा में चूक का VIDEO: PM की कार के बेहद नज़दीक पहुंच गया था BJP का झंडा लिए ग्रुप

Advertisement

यह पूरी तरह से खुफिया विफलता - केंद्र सरकार
इस पर एसजी तुषार मेहता ने कहा कि यह नोटिस कोर्ट आदेश से पहले जारी किए गए थे. राज्य सरकार के मन में भ्रांतियां हैं. इसमें कोई शक नहीं कि इस पूरे प्रोसेस के पालन में गड़बड़ हुई है. इस पर कोई विवाद नहीं हो सकता. यह तथ्य अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि सुरक्षा में चूक और लापरवाही हुई. ब्लूबुक में साफ है कि सुरक्षा का इंतजाम राज्य पुलिस महानिदेशक की देखरेख में स्थानीय पुलिस करती है. इसमें इंटेलिजेंस डायरेक्टर और CID समेत कई विभागों के इनपुट का योगदान होता है.

साथ ही कहा कि यह पूरी तरह से खुफिया विफलता थी. पंजाब पुलिस के DG को पीएम के काफिले को स्पष्ट सूचना देनी थी. SPG एक्ट का स्पष्ट उल्लंघन हुआ है. पुलिस अधिकारी जिम्मेदार हैं. यह बहुत गंभीर है कि राज्य उनका बचाव कर रहा है. इसी के चलते केंद्रीय  कमेटी बनानी पड़ी. पंजाब के जिम्मेदार अधिकारियों पर एक्शन लेने में कोई हर्ज नहीं. VVIP की सुरक्षा में थोड़ी सी भी चूक गंभीर हो सकती है. राज्य सरकार अपने लापरवाह अधिकारियों को बचा रही है, वो अधिकारी कोर्ट के सामने अभी नहीं है. राज्य सरकार उनकी लापरवाही पर पर्दा डाल रही है.

PM की सुरक्षा में चूक का मामला : PM को 140 किमी रोड से ले जाने का फ़ैसला कब और कैसे लिया गया?

जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार से पूछा कि DG और मुख्य सचिव  हमारे सामने पार्टी हैं. हम पता लगाएंगे कि चूक के लिए कौन जिम्मेदार है. राज्य और याचिकाकर्ता निष्पक्ष सुनवाई चाहते हैं और आप निष्पक्ष सुनवाई के खिलाफ नहीं हो सकते. तो यह प्रशासनिक और फैक्ट फाइंडिंग जांच आपके द्वारा ही क्यों? 

इस पर तुषार मेहता ने कहा, कारण बताओ नोटिस की नींव ब्लू बुक है. जो कहती है कि जिम्मेदारी पुलिस अधिकारियों की थी, नाकाबंदी के बारे में कोई पूर्व चेतावनी नहीं दी गई. डीजी को नियमों का पालन करना चाहिए था. नियमों को लेकर कोई विवाद नहीं है.

Topics mentioned in this article