हिरोशिमा में G-7 समिट से इतर पीएम मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति के बीच हो सकती है मुलाकात

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात कर चुके हैं.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार चौथी बार G-7 समिट में हिस्सा ले रहे हैं.
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार 19 मई को 6 दिनों के लिए विदेश दौरे पर रवाना हो गए. इस दौरान पीएम मोदी (PM Narendra Modi Japan Visit) तीन देशों जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया की यात्रा करेंगे. पीएम का जापान दौरा 19 से 21 मई तक रहेगा. पीएम मोदी हिरोशिमा में G-7 के शिखर सम्मेलन (G-7 Summit) में शामिल होंगे. मोदी जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा सहित कई अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें करेंगे.

वहीं, भारत और यूक्रेन के वरिष्ठ राजनयिक G-7 शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच द्विपक्षीय मुलाकात की संभावनाएं तलाश रहे हैं. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. अगर पीएम मोदी और जेलेंस्की हिरोशिमा में मिलते हैं, तो यह पिछले साल फरवरी में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद दोनों नेताओं की पहली मुलाकात होगी.

अधिकारियों ने कहा कि शनिवार को मोदी और जेलेंस्की के बीच बैठक होने की संभावना है, लेकिन इस संबंध में अभी कुछ भी तय नहीं हुआ है. उन्होंने कहा, “दोनों पक्ष प्रस्ताव को अंतिम रूप देने के लिए चर्चा में जुटे हुए हैं.” जेलेंस्की जापान के निमंत्रण पर G-7 शिखर सम्मेलन में शिरकत कर रहे हैं. जापान इस समूह का मौजूदा अध्यक्ष है.

यूक्रेन की प्रथम उप विदेश मंत्री एमिन झापरोवा ने पिछले महीने भारत का दौरा किया था. यह यूक्रेन के खिलाफ रूसी हमला शुरू होने के बाद यूक्रेन के किसी प्रमुख नेता की भारत की पहली यात्रा थी. झापरोवा ने विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी को एक पत्र सौंपा था. यह पत्र जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री मोदी के नाम लिखा था.

यूक्रेन में युद्ध शुरू होने के बाद से मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके यूक्रेनी समकक्ष जेलेंस्की से फोन पर कई बार बात कर चुके हैं. पिछले साल चार अक्टूबर को जेलेंस्की से फोन पर हुई बातचीत में पीएम मोदी ने कहा था कि ‘कोई सैन्य समाधान नहीं हो सकता' और भारत शांति स्थापना के किसी भी प्रयास में सहयोग देने के लिए तैयार है.

भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की अभी तक निंदा नहीं की है. उसने हमेशा कहा है कि वार्ता और कूटनीति के जरिये इस संकट का समाधान निकाला जाना चाहिए.

Advertisement

बता दें कि लगातार चौथी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-7 संगठन की मीटिंग में बतौर गेस्ट शामिल हो रहे हैं. G-7 ने पहली बार 2003 में भारत को अपनी बैठक में शामिल होने का न्योता भेजा था. इसके लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी फ्रांस गए थे. संगठन का सदस्य नहीं होने के बावजूद भारत इसकी बैठकों में शामिल होता रहा है.

ये भी पढ़ें:-

"पीएम मोदी की मेजबानी करने के लिए अमेरिका असल में उत्साहित": यूएस अधिकारी

पीएम नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण करेंगे

Featured Video Of The Day
NDTV EXCLUSIVE: CJI Sanjiv Khanna ने Champions Trophy और Cricket खेलने पर क्या कहा? | Sports