PM नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को गुजरात में दो प्रमुख रेल लाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे

इस परियोजना के पूरा होने के साथ, वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव बंदरगाह और भावनगर के लिए एक छोटा मार्ग होगा. यह अहमदाबाद और देश के अन्य हिस्सों के लिए वेरावल और पोरबंदर से एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी प्रदान करेगा.

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यह परियोजना इस खंड पर माल ढुलाई क्षमता को बढ़ाएगी. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को चुनावी राज्य गुजरात में दो प्रमुख रेलवे लाइन राष्ट्र को समर्पित करेंगे. ये असारवा (अहमदाबाद)-हिम्मतनगर-उदयपुर गेज परिवर्तित लाइन और लुणीधार-जेतलसर गेज परिवर्तित लाइन का खंड हैं. अहमदाबाद (असारवा)-हिम्मतनगर-उदयपुर खंड के पूरे 299 किलोमीटर के हिस्से का काम 2,482.38 करोड़ रुपये में पूरा किया गया है. इस खंड के प्रमुख स्टेशन अहमदाबाद, शामलाजी रोड, हिम्मतनगर, नांदोल दहेगाम, डूंगरपुर, प्रांतिज और उदयपुर हैं.

रेलवे ने कहा, ‘‘यह खंड देश के बाकी हिस्सों से कनेक्टिविटी के मामले में इन क्षेत्रों के स्थानीय लोगों के लिए एक बड़ी राहत होगी. इससे इस क्षेत्र के आसपास के पर्यटकों, व्यापारियों, विनिर्माण इकाइयों और उद्योगों को भी लाभ होगा.'' रेलवे ने कहा, ‘‘हिम्मतनगर में टाइल और सिरेमिक उद्योग इस रेल परियोजना का लाभ उठा सकते हैं क्योंकि वे अपने माल को देश भर में ग्राहकों तक पहुंचा सकते हैं.''

रेलवे ने यह भी कहा कि उसकी लाइन दिल्ली और मुंबई को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करके क्षेत्र में औद्योगीकरण में सहायता करेगी. रेलवे ने कहा, ‘‘यह अतिरिक्त रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगा और अहमदाबाद और दिल्ली के लिए एक तेज, किफायती और पर्यावरण के अनुकूल विकल्प प्रदान करने के लिए एक वैकल्पिक मार्ग भी होगा.''

गेज परिवर्तित लुणीधार-जेतलसर ब्रॉड-गेज खंड एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना है जो निर्बाध कनेक्टिविटी को बढ़ाएगी. कुल 58 किलोमीटर के इस खंड को 452 करोड़ रुपये की लागत से पूरा किया गया है. लुणीधार-जेतलसर खंड ढसा-जेतलसर गेज परिवर्तन परियोजना का हिस्सा है, जिसमें से ढसा-लुणीधार खंड (48 किमी) जून में प्रधानमंत्री द्वारा समर्पित किया गया था.

इस परियोजना के पूरा होने के साथ, वेरावल और पोरबंदर से पीपावाव बंदरगाह और भावनगर के लिए एक छोटा मार्ग होगा. यह अहमदाबाद और देश के अन्य हिस्सों के लिए वेरावल और पोरबंदर से एक वैकल्पिक मार्ग की सुविधा भी प्रदान करेगा.

यह परियोजना इस खंड पर माल ढुलाई क्षमता को बढ़ाएगी और इस प्रकार कानालुस-राजकोट-विरमगाम मार्ग पर भीड़भाड़ कम करेगी. यह गिर अभयारण्य, सोमनाथ मंदिर, दीव और गिरनार पहाड़ियों (जैन मंदिरों, गुरु दत्तात्रेय मंदिर और एशिया में दूसरा सबसे लंबा रोपवे के लिए प्रसिद्ध) के लिए सहज संपर्क की सुविधा प्रदान करेगा.

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मंत्रालय ने कहा, ‘‘यह खंड गुजरात के अमरेली, राजकोट, जूनागढ़, गिर सोमनाथ और पोरबंदर जिलों के सामाजिक और आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. प्रधानमंत्री असारवा से असारवा और उदयपुर के बीच तथा भावनगर और जेतलसर के बीच नयी ट्रेन को भी हरी झंडी दिखाएंगे.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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