विधानसभा चुनाव... पूर्ण राज्य... आतंकवाद का खात्मा, PM मोदी के जम्मू-कश्मीर दौरे का क्या है बड़ा संदेश?

पीएम मोदी के तीसरे कार्यकाल में सबसे चुनौतीपूर्ण कामों में जम्मू-कश्मीर के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना है. विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा होने की उम्मीद है.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) केंद्र में तीसरी बार सरकार बनाने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के दौरे पर जा रहे हैं. वह 20 और 21 जून को जम्मू-कश्मीर में रहेंगे. लोकसभा चुनाव के बाद और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनावों की आहट के बीच पीएम मोदी की इस यात्रा को बड़े राजनीतिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है. पीएम मोदी की इस यात्रा से भारत और दुनियाभर में जम्मू-कश्मीर को लेकर एक पॉजिटिव सिग्नल भी जाएगा. क्योंकि मोदी के तीसरे कार्यकाल में सबसे चुनौतीपूर्ण कामों में जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir Assembly Elections 2024) के लिए राज्य का दर्जा बहाल करना है. विधानसभा चुनाव के बाद ऐसा होने की उम्मीद है. 

दरअसल, लोकसभा चुनाव के बाद इस समय जम्मू-कश्मीर में BJP विधानसभा चुनाव की तैयारियों को तेजी दे रही है. 13 जून से लेकर 16 चली BJP की बैठकों में लोकसभा चुनाव के अनुभवों का इस्तेमाल विधानसभा चुनाव जीतने के लिए करने को लेकर मंथन हुआ था. इस बीच सोमवार को BJP हाईकमान ने केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी को जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव का प्रभारी बनाकर चुनाव की तैयारियों में पूरी ताकत झोंकने के संकेत दे दिए हैं.

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आखिरी बार 2014 में हुए थे विधानसभा चुनाव
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में नवंबर-दिसंबर 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. जून 2018 में BJP के समर्थन वापस ले लेने से BDP-BJP गठबंधन सरकार गिर गई थी. तबसे यहां निर्वाचित सरकार नहीं है. 5 अगस्त 2019 में आर्टिकल 370 निरस्त होने के बाद तो जम्मू-कश्मीर दो अलग-अलग केंद्र शासित राज्य में बंट गया है.

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सुरक्षा की चिंताओं को कम करने में मिलेगी मदद
पीएम मोदी की इस यात्रा से जम्मू क्षेत्र में हाल में हुए आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा को लेकर हो रही चिंताओं को संतुलित करने की उम्मीद है. क्योंकि आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद लोकसभा चुनाव में कश्मीर घाटी में रिकॉर्ड वोटिंग हुई. हालांकि, सुरक्षा को लेकर चिंताएं जाहिर की गई थीं.

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ऐसे में जम्मू क्षेत्र में प्रधानमंत्री की मौजूदगी का मतलब सरकार के भरोसे और जम्मू-कश्मीर में शांति, समृद्धि के लिए लॉन्ग टर्म प्लानिंग का संकेत देना भी है.

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जम्मू-कश्मीर में कितनी सीटें?
मई 2022 के परिसीमन के बाद जम्मू संभाग में विधानसभा की 43 सीटें हो गईं, जबकि कश्मीर में 47 सीटें हैं.  2014 के विधानसभा चुनाव की बात करें, तो BJP नरेंद्र मोदी के चेहरे के भरोसे उतरी तो थी, लेकिन 'मोदी मैजिक' पूर्ण बहुमत के साथ पार्टी को जीत दिलाने में नाकाम रहा था. नतीजों में महबूबा मुफ्ती की पार्टी PDP 28 सीटों पर जीत के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि BJP 25 सीटों के साथ दूसरी बड़ी पार्टी बनी. नेशनल कॉन्फ्रेंस को महज 15 सीटों से संतोष करना पड़ा. कांग्रेस चारों खाने चित होकर चौथे नंबर पर पहुंच गई.

इस लोकसभा चुनाव में BJP को 2019 की तुलना में लगभग 22 फीसदी का नुकसान हुआ. 2019 में उसे 46.39 प्रतिशत मत मिले थे. क्षेत्रीय दलों नेशल कॉन्फ्रेंस और PDP को फायदा हुआ. 2019 में दोनों पार्टियों को क्रमश: 7.89 और 3.40 प्रतिशत मत मिले थे.

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