पीएम नरेंद्र मोदी दूसरों के दृष्टिकोण को समझने के इच्छुक नहीं : कपिल सिब्बल

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के नारे ''न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन'' के विपरीत, वास्तव में हमारे पास ''अधिकतम सरकार, शून्य शासन'' है.

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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद:

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Congress Leader Kapil Sibal) ने शनिवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) अन्य लोगों के दृष्टिकोण को समझने के इच्छुक नहीं हैं और देश जिन समस्याओं का सामना कर रहा है, उसके मूल में यही बात है. ''मोदी के युग में भारत'' विषय पर यहां गिरीश पटेल स्मृति व्याख्यान देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सेंट्रल विस्टा (Central Vista) जैसी परियोजना की लोकतंत्र के लिए तब तक कोई प्रासंगिकता नहीं है जब तक कि कोई ''राष्ट्र की आकांक्षाओं और आत्मा को समझने में सक्षम न हो जो बदलाव के लिए पुकार कर रही है.''

उन्होंने कहा, ''लोकतंत्र, इस इमारत के अंदर लोगों के बीच होने वाला परिसंवाद, जो देश की विविध आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व करता हैं. आप जैसा चाहे वैसे ढांचे का निर्माण कर सकते हैं, लेकिन जब तक आप बदलाव के लिए पुकार रही एक राष्ट्र की आकांक्षाओं और आत्मा को समझने में सक्षम नहीं होते, आप कभी लोकतंत्र नहीं चला पाएंगे.'' सिब्बल ने कहा, ''मोदी युग के साथ समस्या यह है कि वह दूसरों के दृष्टिकोण को समझने के इच्छुक नहीं हैं और इसलिए हम मुश्किल में हैं.''

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि प्रधानमंत्री के नारे ''न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन'' के विपरीत, वास्तव में हमारे पास ''अधिकतम सरकार, शून्य शासन'' है. सिब्बल ने कहा, ''यदि आप लोगों को उनके पहनावे से पहचानते हैं, तो क्या यह शासन है? यदि दलितों की पीट-पीटकर हत्या की जाती है और आप एक शब्द भी नहीं कहते, तो क्या यह शासन है? यदि लोग ऑक्सीजन और बिस्तर के लिए परेशान होते हैं तो क्या यह शासन है?''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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