"ईस्ट इंडिया कंपनी, इंडियन मुजाहिदीन.... " : पीएम मोदी का INDIA गठबंधन पर करारा प्रहार

संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि केवल इंडिया नाम लेने से कुछ नहीं होता. 

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पीएम मोदी ने विपक्ष पर साधा निशाना

संसद (Monsoon session) में मणिपुर पर संग्राम जारी है. गतिरोध दूर करने के लिए आगे की रणनीति बनाने में सरकार जुटी है. इसी को लेकर आज बीजेपी संसदीय दल की बैठक हुई. इस बैठक में पीएम मोदी भी मौजूद थे. उन्होंने विपक्ष पर हमला बोला और कहा कि ऐसा दिशाहीन विपक्ष आज तक नहीं देखा. केवल इंडिया नाम लेने से कुछ नहीं होता. ईस्ट इंडिया कंपनी ने भी इंडिया लगाया था. इंडियन मुजाहिदीन के नाम में भी इंडिया था.

बता दें कि मणिपुर में हिंसा को लेकर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है. सत्र के तीन दिन हंगामे की भेंट चढ़ चुके हैं. आज चौथा दिन है और लोकसभा की कार्यवाही को हंगामे के चलते 2 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा, वहीं राज्यसभा में भी लगातार हंगामा हो रहा है.  मणिपुर पर चर्चा के नियम और प्रधानमंत्री के जवाब को लेकर पेच फंसा हुआ है. विपक्ष संसद के अंदर प्रधानमंत्री से बयान की मांग पर अड़ा है तो सरकार का कहना है कि इस मामले पर गृह मंत्री बयान देंगे ना कि  प्रधानमंत्री.

दूसरा पेच चर्चा के नियम को लेकर है कि विपक्ष चाहता है कि चर्चा नियम 267 के तहत हो जिसमें लंबी चर्चा के बाद वोटिंग का प्रावधान है जबकि सरकार 176 के तहत चर्चा को तैयार है, जिसमें अल्पकालिक चर्चा होती है और वोटिंग का भी प्रावधान नहीं होता, हालांकि कल सरकार की तरफ से संसद में बने डेडलॉक को खत्म करने की पहल की गई और कई विपक्षी नेताओं से बातचीत की गई. बीजेपी संसदीय दल की आज होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई. इधर, सरकार को घेरने को लेकर आज नए गठबंधन INDIA के नेताओं की भी एक बैठक हुई. ये बैठक राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के दफ़्तर में हुई.

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क्या है नियम 267
राज्यसभा सांसद दे सकता है नोटिस
पहले से तय काम रोक कर चर्चा का प्रस्ताव
राष्ट्र हित से जुड़े गंभीर, महत्वपूर्ण मसले पर चर्चा की मांग
प्रस्ताव पर चर्चा के बाद वोटिंग का प्रावधान
राज्यसभा में सरकार के पास स्पष्ट बहुमत नहीं

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क्या है नियम 176
किसी विशेष मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा की अनुमति
चर्चा 2.30 घंटे से ज़्यादा नहीं हो सकती
कोई भी सदस्य चर्चा का नोटिस दे सकता है
नोटिस के साथ कारण बताना जरूरी
कम से कम 2 और सदस्यों का समर्थन ज़रूरी
सदन के नेता तय करते हैं तारीख और समय
चर्चा के बाद वोटिंग का प्रावधान नहीं

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